नीला ड्रम्स { पॉली ड्रम्स } का बढ़ता गलत इस्तेमाल: स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए खतरा
नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खाद्य उत्पादों और रसायनों के परिवहन के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले, नीला ड्रम्स, (पॉली ड्रम्स) { नीला डिब्बा } का गलत इस्तेमाल अब एक गंभीर समस्या बन चुका है। ये ड्रम्स खाद्य तेल, जूस, सिरका, सॉस, और अन्य तरल पदार्थों के लिए बनाए जाते हैं, लेकिन अब कई लोग इन्हें अवैध शराब बनाने, जहरीले केमिकल स्टोर करने और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों पर खतरा मंडरा रहा है।

गलत इस्तेमाल के कारण बढ़ता खतरा
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर इन ड्रम्स को सही तरीके से साफ किए बिना दोबारा इस्तेमाल किया जाए, तो इससे खाद्य विषाक्तता (Food Poisoning) और केमिकल इन्फेक्शन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। कई मामलों में यह भी पाया गया है कि अवैध शराब माफिया इन ड्रम्स का उपयोग कर जहरीली शराब तैयार कर रहे हैं, जिससे कई लोगों की जान जा चुकी है।
इसके अलावा, अप्रयुक्त या गलत तरीके से फेंके गए नीला ड्रम्स पर्यावरण प्रदूषण को भी बढ़ावा देते हैं। इनमें रखे गए हानिकारक केमिकल्स अगर मिट्टी या जल स्रोतों में मिल जाएं, तो यह कृषि भूमि को दूषित कर सकते हैं।
सरकार और जनता को सतर्क रहने की जरूरत
विशेषज्ञों की मांग है कि सरकार को इन ड्रम्स के उपयोग को लेकर सख्त नियम बनाने चाहिए, ताकि खाद्य ग्रेड और औद्योगिक ग्रेड ड्रम्स को अलग-अलग पहचाना जा सके। इसके अलावा, लोगों को भी जागरूक करने की जरूरत है कि नीला ड्रम्स का इस्तेमाल केवल उनके उचित उद्देश्यों के लिए ही किया जाए।

अगर समय रहते इस समस्या को नहीं रोका गया, तो आने वाले समय में यह एक बड़ा स्वास्थ्य और पर्यावरणीय संकट बन सकता है।
नेशनल कैपिटल टाइम्स ; विशेष रिपोर्ट) ; https://nationalcapitaltimes.com/