सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: शराब पीने की आदत छिपाने पर बीमा कंपनी खारिज कर सकती है हेल्थ क्लेम
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है, जिसमें कहा गया है कि अगर कोई बीमाधारक पॉलिसी खरीदते समय अपनी शराब पीने की आदत को छिपाता है, तो बीमा कंपनी शराब से जुड़े हेल्थ क्लेम को खारिज कर सकती है। यह फैसला एक पॉलिसीधारक के मामले में सुनाया गया था, जिसने अपनी पॉलिसी के तहत अस्पताल में भर्ती होने के दौरान दावा किया था, लेकिन उसने शराब के सेवन की आदत के बारे में गलत जानकारी दी थी।
कोर्ट ने इंश्योरेंस कंपनी के फैसले को स्वीकार किया और कहा कि पॉलिसीधारक की पत्नी का दावा खारिज किया जा सकता है। इस मामले में इंश्योरेंस कंपनी को 5,21,650 रुपये और अन्य लागतों का भुगतान करने का निर्देश दिया गया था।
इसके अलावा, बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक अन्य मामले में कहा है कि मेडिक्लेम पॉलिसी के तहत मिले पैसे को मोटर वीकल ऐक्ट के प्रावधानों के तहत मेडिकल खर्च के लिए दावेदार को दी जाने वाली मुआवजे की राशि से नहीं काटा जा सकता है।
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