नीति आयोग ने देहरादून में ‘ईज़ ऑफ डूइंग आरएंडडी’ पर दूसरी परामर्श बैठक में अनुसंधान सुधारों को दी गति
देहरादून, जून 2025 – भारत में अनुसंधान एवं विकास (R&D) को सरल, नवाचार-प्रेरित और प्रभावशाली बनाने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए नीति आयोग ने सीएसआईआर – भारतीय पेट्रोलियम संस्थान (CSIR-IIP), देहरादून में ‘(Ease of Doing R&D)’ पर दूसरी परामर्श बैठक का आयोजन किया।
यह पहल नीति आयोग के उस व्यापक लक्ष्य का हिस्सा है, जिसके तहत देश में एक आधुनिक, नवाचार-केन्द्रित और लचीले अनुसंधान तंत्र का निर्माण किया जा रहा है। इसका विशेष फोकस सरकारी वित्तपोषित अनुसंधान संस्थानों और प्रयोगशालाओं की क्षमताओं को मजबूत करने पर है।
बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए डॉ. वी.के. सारस्वत, सदस्य, नीति आयोग ने कहा कि “वैज्ञानिक अनुसंधान को नौकरशाही बाधाओं और कठोर पदानुक्रमों से मुक्त किया जाना चाहिए। अनुसंधान को सफल बनाने के लिए विकेंद्रीकृत निर्णय-निर्माण, समय पर फंडिंग और प्रदर्शन-आधारित उत्तरदायित्व जैसे कदम जरूरी हैं।”
इस पहल के अंतर्गत नीतिगत सुधारों के ज़रिए अनुसंधान प्रक्रिया को सरल बनाने, संस्थानों को अधिक स्वायत्तता देने और प्रणालीगत बाधाओं को दूर करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। इन सुधारों से भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवाचार को नई गति मिलने की उम्मीद है।