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अहमदाबाद प्लेन क्रैश: बोइंग के विमान से लेकर हवाई यात्रा की सुरक्षा पर उठते सवाल

अहमदाबाद हवाई अड्डे से 12 जून 2025 को दोपहर एक बजकर 38 मिनट पर लंदन के गैटविक हवाई अड्डे के लिए उड़ा एयर इंडिया का विमान एक मिनट के अंदर ही क्रैश हो गया.

इस बोइंग ड्रीमलाइनर एयरक्राफ़्ट में मौजूद 242 में से 241 लोगों की मौत हो गई. सिर्फ़ एक शख़्स चमत्कारिक रूप से बच गया. इस हादसे में ज़मीन पर विमान की चपेट में भी कुछ लोग आए और कुल मिलाकर कम से कम 270 लोगों की मौतें हुई हैं.

विमान एक मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल पर जाकर गिरा था और वहां भी कई लोगों की जान गई. ये भारत के सबसे भयानक विमान हादसों में एक है.

इससे पहले अगस्त 2020 में एयर इंडिया एक्सप्रेस का बोइंग 737 कोझिकोड में रनवे पर करते हुए खाई में जा गिरा था. इसके कारण 18 लोगों की मौत हो गई थी.

मई 2010 में एयर इंडिया का विमान मंगलुरु में रनवे से आगे निकल गया था. इसमें 158 लोग मारे गए थे, तो ऐसे में सवाल उठना स्वाभाविक है कि आख़िर इस बार क्या हुआ?

उधर बोइंग को लेकर भी सवाल उठता रहा है और बोइंग ने अलग-अलग मौक़ों पर लोगों की चिंताओं को दूर करने की कोशिश की है मगर उनकी मुश्किलें बनी रही हैं.

क्या इसके बाद बोइंग के क्वालिटी कंट्रोल पर और सवाल उठेंगे, आख़िर हवाई सुरक्षा की दृष्टि से इस दुर्घटना की संभावित वजहें क्या हो सकती हैं?

भारत को किन बातों का और ख़याल रखने की ज़रूरत है? परिजनों के पार्थिव शरीर हासिल करने अस्पताल पहुँचे लोगों की हालत क्या है?

इस दुर्घटना में बचे एकमात्र व्यक्ति विश्वास कुमार रमेश की स्थिति कैसी है और जिस मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल पर विमान गिरा वहाँ क्या हालात हैं?

कैसे दुर्घटनाग्रस्त हुआ ड्रीमलाइनर?

अहमदाबाद हवाई अड्डे के टेक-ऑफ़ के ठीक बाद रनवे से सिर्फ 1.5 किलोमीटर दूर बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान कैसे दुर्घटनाग्रस्त हो गया?

एआई171 के साथ वास्तव में क्या हुआ, यह तो एक विस्तृत जांच के बाद ही पता चलेगा लेकिन इस दुर्घटना के बाद सबसे बड़ा सवाल क्या उठता है?

वायु सुरक्षा विशेषज्ञ वंदना सिंह कहती हैं, “सबसे बड़ा सवाल यही है कि किस तरह से हम इस दुर्घटना से बच सकते थे. हमारे में क्या कमी रह गई? क्या एयर इंडिया के मेंटेनेंस में कोई कमी रह गई? क्या रेगुलेटरी चेक में कोई कमी रह गई? क्या इंजीनियरिंग चेक में कमी रह गई कि हम इस हादसे को नहीं रोक पाए?”

वंदना सिंह बताती हैं, “विमान दुर्घटना को लेकर चल रही सारी थ्योरी और अटकलों पर तब विराम लगेगा जब विशेषज्ञ डेटा रिकॉर्डर और वॉयस रिकॉर्डर को एक साथ रखकर जांच करेंगे.”

वंदना सिंह मानती हैं, “यह इलेक्ट्रिकल और सॉफ्टवेयर सिस्टम फेल्योर है क्योंकि यह विमान दिल्ली से अहमदाबाद आ रहा था. उस समय जो यात्री इस पर सवार थे उन्होंने शिकायतें की थीं कि विमान में कुछ गड़बड़ी है. एसी काम नहीं कर रहा है और न ही एंटरटेनमेंट सिस्टम काम कर रहा है.”

वो सवाल उठाती हैं, “अभी ये कहा जा सकता है कि ये छोटी मोटी चीज़ें हैं लेकिन सवाल उठता है कि एक घंटे की उड़ान के बाद जब ये विमान अहमदाबाद पहुंचा तो क्या वहां इन चीज़ों को जांचा गया?”

वह कहती हैं, “मुझे पूरी उम्मीद है कि लंदन की उड़ान भरने से पहले ये सब चीज़ें अच्छी तरह से जांच ली गई होंगी लेकिन मेरे ज़ेहन में ये सवाल आता है कि इसमें कुछ चूक तो नहीं हो गई? इसमें कुछ कमी तो नहीं रह गई?”

वंदना सिंह कहती हैं, “मेरा मानना है वहां एक इलेक्ट्रिकल सॉफ्टवेयर था. तो क्या उसमें कुछ गड़बड़ी रह गई जिसके कारण यह हादसा हुआ लेकिन यह सिर्फ़ एक आंकलन है.”

विमान दुर्घटना को लेकर क्या कह रहे चश्मदीद?

भारत के नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने विमान हादसे की जांच की बात कही है लेकिन जिस समय विमान दुर्घटना हुई और जिन्होंने इस दुर्घटना को होते हुए देखा वह क्या कह रहे हैं?

“विमान जहां आकर गिरा वह पोस्ट ग्रेजुएट हॉस्टल है. हादसे को कई घंटे बीत गए हैं लेकिन विमान का एक हिस्सा हॉस्टल पर ही अटका हुआ है.”

इशाद्रिता बताती हैं, “यहां लोगों के दो तरह से रिएक्शन देखने को मिल रहे हैं. एक जिन्होंने हादसे के बाद तुरंत घटनास्थल के पास पहुंचकर लोगों को बचाया और उन्होंने मलबे से कई शव निकाले. इसके बाद से वह सभी सदमे में हैं.”

“दूसरी तरफ एयरपोर्ट के पास रहने वाले लोगों में यह डर है कि ऐसा हादसा उनके साथ भी कभी भी हो सकता है. यहां एक शॉक और डर का माहौल है.”

इशाद्रिता ने बताया, “एक व्यक्ति जिसने इस दुर्घटना में ज़िंदा बचे इकलौते व्यक्ति से बात की थी. उसने मुझे बताया कि उसे विश्वास नहीं हुआ कि कोई ऐसी दुर्घटना में भी बच सकता है?”

वो कहती हैं कि उन्हें एक महिला ऐसी भी मिली, जिन्होंने ये बताया कि उनके परिवार को इस घटना में कुछ भी नहीं हुआ लेकिन पूरी रात हम रोते रहे और हम सो नहीं पाए.

इशाद्रिता बताती हैं, “इस हॉस्टल या आसपास के कितने लोगों की मौत हुई है. इसका कोई आधिकारिक आंकड़ा तो नहीं आया है लेकिन जिस समय ये हादसा हुआ उस समय डॉक्टर्स का लंच ब्रेक था और वह सभी मेस में थे और यहां पर मौत हुई है. यह पक्की बात है.”

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Rudra ji