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किसानों के लिए बड़ी सौगात: 2025-26 तक न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP में ऐतिहासिक बढ़ोतरी,

किसानों के लिए बड़ी सौगात: 2025-26 तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में ऐतिहासिक बढ़ोतरी,

किसानों के लिए बड़ी सौगात: 2025-26 तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में ऐतिहासिक बढ़ोतरी, देखें फसलवार पूरी सूची

नई दिल्ली, 7 जून 2025
देश के करोड़ों किसानों के लिए एक राहत भरी खबर सामने आई है। केंद्र सरकार ने 2025-26 के लिए प्रमुख फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP में भारी वृद्धि की है। वर्ष 2013-14 की तुलना में इस बार MSP दरों में दोगुने तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। यह फैसला किसानों की आय को दोगुना करने के संकल्प और कृषि को लाभकारी व्यवसाय बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

MSP क्या है?

न्यूनतम समर्थन मूल्य वह दर है, जिस पर सरकार किसानों से उनकी उपज की खरीद करती है ताकि उन्हें बाजार में कीमत गिरने की स्थिति में नुकसान न उठाना पड़े। यह किसानों की आर्थिक सुरक्षा का एक अहम माध्यम है।

2013-14 बनाम 2025-26: MSP में वृद्धि की पूरी सूची

फसल 2013-14 का MSP (₹/क्विंटल) 2025-26 का MSP (₹/क्विंटल) कुल वृद्धि

धान ₹1,059 ₹2,369 ₹1,310 (+124%)
गेहूं ₹1,350 ₹2,425 ₹1,075 (+80%)
बाजरा ₹1,525 ₹2,775 ₹1,250 (+82%)
मूंग ₹4,268 ₹8,768 ₹4,500 (+105%)
सूरजमुखी ₹4,021 ₹7,721 ₹3,700 (+92%)

सरकार की मंशा:

सरकार का कहना है कि यह बढ़ोतरी किसानों को बाजार की अनिश्चितताओं से सुरक्षा देगी और कृषि उत्पादकता के साथ-साथ किसान की आमदनी में भी उल्लेखनीय वृद्धि करेगी।

कृषि विशेषज्ञों की राय:

विशेषज्ञों का मानना है कि MSP में यह वृद्धि न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगी, बल्कि इससे खाद्य सुरक्षा, ग्रामीण अर्थव्यवस्था और कृषि निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा।

किसानों की प्रतिक्रिया:

कई किसान संगठनों ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है और इसे “अन्नदाताओं को आर्थिक बल प्रदान करने वाला निर्णय” बताया है। कुछ संगठनों ने यह भी मांग की है कि सभी फसलों की खरीद MSP पर सुनिश्चित की जाए और इसके लिए कानूनी गारंटी दी जाए।

इस ऐतिहासिक MSP वृद्धि से यह स्पष्ट है कि केंद्र सरकार किसानों के हितों को लेकर गंभीर है और उन्हें आत्मनिर्भर व सशक्त बनाने की दिशा में ठोस प्रयास कर रही है। अब यह देखना होगा कि आने वाले महीनों में यह MSP जमीनी स्तर पर कैसे लागू होता है और किसानों को इसका प्रत्यक्ष लाभ कैसे मिलता है।

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Rudra ji