गांधी सागर अभयारण्य बना चीतों का नया घर, मध्यप्रदेश को मिला वन्य संरक्षण में नया गौरव
मंदसौर , नीमच, 20 अप्रैल 2025 – मध्यप्रदेश के गांधी सागर अभयारण्य में आज इतिहास रचते हुए दो चीतों को पुनर्स्थापित किया गया। यह अवसर न केवल राज्य के लिए गर्व का विषय है, बल्कि भारत के वन्यजीव संरक्षण प्रयासों में एक और महत्वपूर्ण अध्याय जुड़ गया है।
यह पुनर्स्थापना परियोजना प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और विजन के तहत चलाए जा रहे वन्य संरक्षण कार्यक्रमों का परिणाम है। इससे मध्यप्रदेश को न केवल जैव विविधता के क्षेत्र में एक नई पहचान मिलेगी, बल्कि पर्यटन और स्थानीय रोजगार में भी जबरदस्त बढ़ोतरी की उम्मीद की जा रही है।
क्या है खास:
गांधी सागर अभयारण्य अब चीतों के लिए तैयार किया गया है — यह भारत में चीतों की पुनर्स्थापना के प्रयासों का अगला बड़ा पड़ाव है।
यह परियोजना वन्यजीव संरक्षण, पारिस्थितिकी संतुलन और स्थानीय विकास को एक साथ जोड़ती है।
सरकार का लक्ष्य है कि यह क्षेत्र पर्यावरणीय पर्यटन का प्रमुख केंद्र बने, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलें।
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि चीतों के लिए उपयुक्त वातावरण तैयार किया गया है और उनकी निगरानी के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। जल्द ही इन्हें आम जनता के लिए भी सीमित रूप से दिखाने की योजना बनाई जा रही है।
यह पहल ‘प्रोजेक्ट चीता’ का ही विस्तार है, जिसकी शुरुआत पहले कूनो नेशनल पार्क से हुई थी। अब गांधी सागर अभयारण्य इस मिशन में नया आयाम जोड़ता है।
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