मोदी सरकार का बड़ा फैसला: अगली जनगणना में होगी जातियों की गिनती,
नई दिल्ली, 2025:
भारत सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए घोषणा की है कि आगामी जनगणना में जातियों की गणना को शामिल किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस निर्णय को मंजूरी दी गई। यह कदम सामाजिक न्याय, पारदर्शिता और नीतिगत योजना निर्माण की दृष्टि से बेहद अहम माना जा रहा है।
सरकार के इस फैसले ने एक बार फिर कांग्रेस और INDI गठबंधन की पूर्ववर्ती नीतियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सत्तारूढ़ भाजपा का आरोप है कि आज़ादी के बाद हुई सभी जनगणनाओं में जातियों की गिनती नहीं की गई और यह कांग्रेस पार्टी के दोहरे मापदंड और पाखंड का उदाहरण है। भाजपा नेताओं का कहना है कि जो काम दशकों से टाला गया, उस पर कांग्रेस ने सिर्फ दिखावटी राजनीति की।
गौरतलब है कि 2010 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने लोकसभा में जाति जनगणना पर विचार का आश्वासन दिया था। इसके बाद मंत्रिमंडलीय समूह का गठन हुआ और कई दलों ने इसका समर्थन भी किया, लेकिन इसके परिणामस्वरूप केवल एक सीमित सामाजिक-आर्थिक जाति सर्वे (SECC) किया गया। इसे कभी भी आधिकारिक जनगणना का दर्जा नहीं मिला।
भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने जाति जनगणना जैसे संवेदनशील विषय को केवल राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल किया। पारदर्शिता और नीति निर्धारण के बजाय उनका फोकस केवल वोटबैंक की राजनीति पर रहा।
अब मोदी सरकार ने इसे औपचारिक रूप से आगामी जनगणना में शामिल करने का जो फैसला लिया है, वह देश की सामाजिक संरचना की बेहतर समझ और न्यायपूर्ण योजनाओं के क्रियान्वयन की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है।
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