दिल्ली के मयूर विहार फेज-2 में तीन मंदिरों पर DDA की कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से किया इनकार
नई दिल्ली: दिल्ली के मयूर विहार फेज-2 में स्थित तीन मंदिरों—पूर्वी दिल्ली काली बाड़ी, श्री अमरनाथ मंदिर और श्री बद्रीनाथ मंदिर—को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) ने इन मंदिरों को अवैध निर्माण बताते हुए 19 मार्च की रात को नोटिस चिपकाया और 20 मार्च की सुबह बुलडोजर लेकर पहुंच गया।

सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट जाने की दी सलाह
मंदिरों की रक्षा के लिए मंदिर समितियों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। याचिकाकर्ता के वकील विष्णु शंकर जैन ने आपात स्थिति का हवाला देते हुए तत्काल सुनवाई की मांग की। उन्होंने दलील दी कि दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में एक मस्जिद पर हुई कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत दखल दिया था, तो फिर यहां अलग रुख क्यों अपनाया जा रहा है?
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट में बेंच के अध्यक्ष जस्टिस विक्रम नाथ ने शुरू में दोपहर 2 बजे सुनवाई का समय दिया, लेकिन साथी जजों जस्टिस संजय करोल और संदीप मेहता से चर्चा के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया और याचिकाकर्ताओं को दिल्ली हाई कोर्ट जाने की सलाह दी।
मुख्यमंत्री के दखल के बाद रोकी गई कार्रवाई
स्थानीय बीजेपी विधायक रविंदर सिंह नेगी ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से संपर्क किया और मंदिरों को बचाने की अपील की। मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद DDA की विध्वंस कार्रवाई को रोक दिया गया।
DDA ने धार्मिक समिति की बैठक का दिया हवाला
DDA ने अपने बचाव में कहा कि 25 अक्टूबर 2024 को प्रमुख सचिव गृह की अध्यक्षता में धार्मिक समिति की बैठक हुई थी, जिसमें तय किया गया था कि कानून की उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए अवैध धार्मिक निर्माण हटाए जाएंगे। इसी आधार पर 20 मार्च को कार्रवाई की योजना बनाई गई थी।
फिलहाल क्या है स्थिति?
वर्तमान में मंदिरों पर बुलडोजर कार्रवाई को रोक दिया गया है, लेकिन कानूनी लड़ाई जारी है। याचिकाकर्ताओं के पास अब दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का विकल्प है। इस मामले को लेकर स्थानीय लोगों में भी नाराजगी देखी जा रही है, और इसे धार्मिक भावनाओं से जोड़कर देखा जा रहा है।
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