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निजी स्कूल नहीं बढ़ा सकेंगे फीस मनमानी तरीके से, दिल्ली सरकार ने पेश किया नया विधेयक”

निजी स्कूल नहीं बढ़ा सकेंगे फीस मनमानी तरीके से, दिल्ली सरकार ने पेश किया नया विधेयक

निजी स्कूल नहीं बढ़ा सकेंगे फीस मनमानी तरीके से, दिल्ली सरकार ने पेश किया नया विधेयक”

दिल्ली सरकार ने आज एक ऐतिहासिक निर्णय लिया, जिसके तहत “The Delhi School Education (Transparency in Fixation & Regulation of Fees) Bill-2025″ को मंजूरी दे दी गई है। यह विधेयक दिल्ली के सभी निजी स्कूलों पर लागू होगा और स्कूल फीस के निर्धारण को लेकर पारदर्शी, सख्त और स्पष्ट प्रावधान सुनिश्चित करेगा।

इस विधेयक का उद्देश्य निजी स्कूलों द्वारा मनमानी फीस वृद्धि को रोकना है। अब, हर निजी स्कूल को पहले School Level Fee Regulation Committee के समक्ष प्रस्तावित फीस संरचना प्रस्तुत करनी होगी। इस कमेटी में अभिभावक, शिक्षक और शिक्षा निदेशक का प्रतिनिधि शामिल होगा। यदि किसी निर्णय पर सहमति नहीं बनती, तो मामला District Fee Appellate Committee और फिर Revision Committee तक जाएगा। यह तीन स्तरों वाली प्रक्रिया पहली बार लागू हो रही है और सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया गया है।

मुख्य प्रावधानों में यह भी शामिल है कि किसी भी स्कूल द्वारा नियमों का उल्लंघन करने पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। बार-बार उल्लंघन पर दोगुना या तीन गुना जुर्माना लगेगा। इसके साथ ही, यदि स्कूल अवैध रूप से फीस वसूलते हैं, तो उनकी संपत्ति जब्त की जा सकती है और लगातार उल्लंघन पर स्कूल की मान्यता रद्द भी की जा सकती है।

इस विधेयक में छात्रों के हितों की भी पूरी सुरक्षा की गई है। फीस विवाद के आधार पर बच्चों का नाम काटना या कक्षा से वंचित करना अब पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा। इसके अलावा, कैपिटेशन फीस या मानसिक दबाव डालने पर भी भारी जुर्माना और आवश्यकता पड़ने पर स्कूल की मान्यता रद्द हो सकती है।

दिल्ली सरकार ने इस विधेयक को लागू करने के लिए एक समय-सीमा निर्धारित की है। स्कूलों को 31 जुलाई 2025 तक अपनी फीस प्रस्ताव प्रस्तुत करने होंगे, और कमेटी द्वारा 15 सितंबर 2025 तक इस पर निर्णय लिया जाएगा।

अब तक दिल्ली में 970 स्कूलों का निरीक्षण किया जा चुका है, और 150 से अधिक फीस वृद्धि की शिकायतों पर नोटिस जारी किए गए हैं। 42 स्कूलों को डमी क्लास चलाने पर पकड़ा गया है, और 300 से अधिक किताबों और यूनिफॉर्म से जुड़ी शिकायतों का निस्तारण किया गया है।

दिल्ली सरकार का यह कदम न केवल अभिभावकों के लिए एक जीत है, बल्कि यह दिल्ली के बच्चों के उज्जवल भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता जी  ने इस विधेयक को लेकर कहा, “हम वोट बैंक नहीं बना रहे, हम बच्चों का भविष्य बना रहे हैं। अब दिल्ली सरकार बच्चों और अभिभावकों के साथ खड़ी है।”

नेशनल कैपिटल टाइम्स ; https://nationalcapitaltimes.com/

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