वैशाख शुक्ल अष्टमी को मनाई जाती है बगलामुखी जयंती, शत्रु नाश और तंत्र साधना के लिए विशेष दिन
वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को बगलामुखी माता की जयंती मनाई जाती है। इस वर्ष यह पावन तिथि भक्तों के लिए विशेष महत्व लेकर आई है, क्योंकि इसे शत्रु नाश, वाक्-सिद्धि और तंत्र साधना के लिए सर्वोत्तम दिन माना जाता है।
बगलामुखी माता का मंदिर हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के बनखंडी नामक स्थान पर स्थित है। यह मंदिर देवी बगलामुखी को समर्पित है, जो दस महाविद्याओं में से एक हैं और जिनकी पूजा विशेष रूप से शत्रु बाधा निवारण और वाक् सिद्धि के लिए की जाती है। हिमाचल के अलावा, मध्य प्रदेश के आगर मालवा जिले के नलखेड़ा और दतिया में भी बगलामुखी माता के प्रसिद्ध मंदिर स्थित हैं। इन तीर्थस्थलों पर श्रद्धालु विशेष रूप से तंत्र साधना और मनोकामना पूर्ति के लिए पहुंचते हैं।,
पूजा के दौरान पीले वस्त्र धारण करना, पीले फूल, हल्दी और चने की दाल आदि का उपयोग करना शुभ माना जाता है। साधक इस दिन विशेष रूप से बगलामुखी स्तोत्र, कवच और मंत्रों का जाप करते हैं, जिससे नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और आत्मबल में वृद्धि होती है।
देशभर के शक्तिपीठों और बगलामुखी मंदिरों में इस अवसर पर विशेष पूजा-अर्चना और अनुष्ठान आयोजित किए जाएंगे। बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस दिन व्रत रखकर माँ की कृपा प्राप्ति की कामना करेंगे।