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बड़ा मंगल, ज्येष्ठ मास के मंगलवार क्यों कहलाते हैं जानिए धार्मिक मान्यता और महत्व

बड़ा मंगल, ज्येष्ठ मास के मंगलवार क्यों कहलाते हैं जानिए धार्मिक मान्यता और महत्व

ज्येष्ठ मास के मंगलवार क्यों कहलाते हैं बड़ा मंगल? जानिए धार्मिक मान्यता और महत्व

हिंदू धर्म में आस्था रखने वालों के लिए ज्येष्ठ मास का विशेष महत्व होता है। यह माह न केवल तप और भक्ति का प्रतीक माना जाता है, बल्कि इस महीने के मंगलवारों को विशेष रूप से भगवान हनुमान की भक्ति के लिए समर्पित किया गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, त्रेतायुग में इसी ज्येष्ठ मास में भगवान श्रीराम की पहली बार भेंट भगवान हनुमान से हुई थी। इसी वजह से ज्येष्ठ महीने के प्रत्येक मंगलवार को ‘बड़ा मंगल’ के रूप में मनाया जाता है।

बड़ा मंगल को कई स्थानों पर ‘बुढ़वा मंगल’ के नाम से भी जाना जाता है। यह परंपरा विशेष रूप से उत्तर भारत के कुछ राज्यों में अधिक प्रचलित है, जैसे उत्तर प्रदेश में लखनऊ, कानपुर और प्रयागराज में इसे बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है।

धार्मिक महत्व

पुराणों के अनुसार, जब भगवान श्रीराम रावण का वध करने के लिए वनवास में थे, तब उन्हें एक ऐसे सहयोगी की आवश्यकता थी जो बल, बुद्धि और भक्ति में श्रेष्ठ हो। तभी उनकी मुलाकात भगवान हनुमान से हुई। यह ऐतिहासिक और आध्यात्मिक घटना ज्येष्ठ महीने के मंगलवार को ही घटी मानी जाती है। इसीलिए इस दिन को “हनुमान दर्शन दिवस” के रूप में भी देखा जाता है।

भगवान हनुमान को संकटमोचन, वीर, बुद्धिमान और सबसे बड़े भक्त के रूप में पूजा जाता है। मंगलवार वैसे भी हनुमान जी का दिन माना जाता है, लेकिन ज्येष्ठ मास के मंगलवार विशेष फलदायी माने जाते हैं। इन दिनों व्रत रखने, मंदिरों में पूजा-अर्चना करने और हनुमान चालीसा के पाठ से विशेष पुण्य प्राप्त होता है।

परंपरा और उत्सव

बड़ा मंगल के दिन हनुमान मंदिरों में विशेष पूजा का आयोजन होता है। लखनऊ में तो यह एक महापर्व का रूप ले चुका है। यहां के ऐतिहासिक अलीगंज हनुमान मंदिर सहित कई मंदिरों में लाखों भक्त दर्शन करने आते हैं। जगह-जगह भंडारे और जलसेवा आयोजित की जाती है। लोग गरीबों को भोजन कराते हैं, जलपान कराते हैं और सेवा को ही भक्ति का सबसे बड़ा रूप मानते हैं।

कब-कब आता है बड़ा मंगल?

ज्येष्ठ मास हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख के बाद आता है, जो ग्रेगोरियन कैलेंडर में मई-जून के बीच होता है। इस मास में आमतौर पर चार या पांच मंगलवार आते हैं, और हर एक को बड़ा मंगल के रूप में मनाया जाता है। यह कोई एक दिन का उत्सव नहीं, बल्कि पूरे महीने भर चलने वाला पर्व है।

बड़ा मंगल के दिन हनुमान जी को चमेली का तेल और सिंदूर अर्पित करना बेहद शुभ माना गया है. इस दिन हनुमान मंदिर जाकर उनकी मूर्ति पर चमेली का तेल मिला सिंदूर चढ़ाएं और साथ ही     ‘ॐ हं हनुमते नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें.

इस दिन व्रत रखकर हनुमानजी की पूजा अर्चना करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है और कुंडली में मंगल दोष भी दूर होता है

निष्कर्ष

बड़ा मंगल केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि भक्ति, सेवा और श्रद्धा का उत्सव है। यह दिन न केवल आध्यात्मिक शक्ति से जुड़ा है, बल्कि सामाजिक समरसता और सेवा भावना का प्रतीक भी है। हनुमान जी की कृपा पाने के लिए ज्येष्ठ मास के मंगलवारों का विशेष महत्व है, और इन्हें श्रद्धा के साथ मनाना हर भक्त के लिए शुभफलदायक माना जाता है।

नेशनल कैपिटल टाइम्स ;

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Rudra ji