मसूद अजहर नहीं, इस आतंकवादी को मिला ऑपरेशन सिंदूर में सबसे बड़ा फायदा! पाकिस्तान ने खोला खजाना
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया। उसी दिन भारत ने आतंकियों से बदला लेने की कसम खाई और “#OperationSindoor” की शुरुआत की। इस जवाबी कार्रवाई में भारतीय सुरक्षा बलों ने 100 से अधिक आतंकियों का सफाया कर दिया।
लेकिन हैरानी की बात यह है कि इस ऑपरेशन से सबसे ज़्यादा फायदा आतंकियों के परिवारों को मिला है – वो भी पाकिस्तान सरकार की मेहरबानी से। पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार और सिंध के मुख्यमंत्री सैयद मुराद अली शाह ने मारे गए आतंकियों के परिजनों को 1 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है।
एक तरफ पाकिस्तान IMF से कर्ज के लिए गिड़गिड़ा रहा है, वहीं दूसरी तरफ उसी पैसे को वह आतंकियों के परिवारों में बांट रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या पाकिस्तान आतंकवाद को पालने-पोसने की नीति पर अब भी कायम है?
भारत की कार्रवाई से न केवल आतंकियों का खात्मा हुआ, बल्कि उनके ठिकाने भी तबाह कर दिए गए हैं। लेकिन पाकिस्तान उन्हें फिर से फलने-फूलने का मौका दे रहा है।
इस पूरे घटनाक्रम में मसूद अजहर को नहीं, बल्कि ग्राउंड लेवल पर मारे गए आतंकियों और उनके परिवारों को सबसे बड़ा ‘फायदा’ हुआ है।
सवाल यह है:
IMF से मिले पैसों का इस्तेमाल पाकिस्तान अपने गरीब नागरिकों के लिए क्यों नहीं करता?
क्या यह मुआवजा आतंकवाद को बढ़ावा देने जैसा नहीं है?
नेशनल कैपिटल टाइम्स ;