महाशिवरात्रि 2025: भगवान शिव की उपासना में लीन रहेंगे श्रद्धालु, जानिए शुभ मुहूर्त और महत्व
नई दिल्ली, 26 फरवरी: देशभर में आज महाशिवरात्रि पर्व श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जा रहा है। भगवान शिव और माता पार्वती के पावन विवाह दिवस के रूप में मनाए जाने वाले इस पर्व पर शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। भक्त दिनभर उपवास रखकर रात्रि जागरण और शिव आराधना कर रहे हैं।
महाशिवरात्रि का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, महाशिवरात्रि पर भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था। यह दिन शिवभक्तों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इस दिन व्रत रखने और रात्रि में जागरण करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और शिव कृपा प्राप्त होती है।
शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
पंडितों के अनुसार, महाशिवरात्रि की पूजा चार प्रहरों में की जाती है। इस दिन शिवलिंग का जल, दूध, गंगाजल, बेलपत्र, धतूरा और भांग से अभिषेक किया जाता है।
पूजा के प्रमुख मुहूर्त:
प्रथम प्रहर पूजा: रात 06:30 से 09:30 बजे
द्वितीय प्रहर पूजा: रात 09:30 से 12:30 बजे
तृतीय प्रहर पूजा: रात 12:30 से 03:30 बजे
चतुर्थ प्रहर पूजा: रात 03:30 से 06:30 बजे
शिवालयों में भक्तों का तांता
दिल्ली, वाराणसी, उज्जैन, हरिद्वार, काशी और अन्य प्रमुख शिव मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी है। काशी विश्वनाथ, महाकालेश्वर और केदारनाथ धाम में विशेष पूजा-अर्चना की जा रही है। मंदिरों को फूलों और दीपों से सजाया गया है, और भजन-कीर्तन का आयोजन हो रहा है।
धार्मिक और आध्यात्मिक पहलू
महाशिवरात्रि को केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन ध्यान और शिव मंत्र जाप से आत्मिक शुद्धि होती है और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।