शनि जयंती: न्याय के देवता शनि का जन्मोत्सव, जानें तिथि, महत्व और पूजन विधि
हिंदू धर्म में अनेक पर्व-त्योहार देवी-देवताओं की आराधना और उनके जन्मोत्सव के रूप में मनाए जाते हैं। इन्हीं में से एक महत्वपूर्ण पर्व है शनि जयंती, जिसे न्याय और कर्म के देवता भगवान शनि देव के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व हर वर्ष हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है।
शनि देव का परिचय:
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शनि देव सूर्य देव और छाया (संवर्णा) के पुत्र हैं। उन्हें नवग्रहों में एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। शनि देव को ऐसा ग्रह और देवता माना जाता है, जो केवल व्यक्ति के कर्मों के आधार पर फल देता है। वे जीवन में अनुशासन, न्याय और मेहनत का संदेश देते हैं। शनि की कृपा से व्यक्ति ऊंचाइयों को छू सकता है, जबकि उनकी नाराज़गी कठिनाइयों का कारण बन सकती है।
शनि जयंती का धार्मिक महत्व:
शनि जयंती का दिन विशेष रूप से उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण होता है जिनकी कुंडली में शनि ग्रह की स्थिति कमजोर या प्रतिकूल होती है। इस दिन श्रद्धापूर्वक शनि देव की पूजा करने से शनि दोष, साढ़े साती, ढैया, और अन्य ग्रहदोषों से मुक्ति मिलती है। साथ ही यह दिन आत्मविश्लेषण और अपने कर्मों को सुधारने का भी उपयुक्त समय होता है।
पूजा विधि:
प्रातःकाल स्नान करके काले वस्त्र धारण करें।
शनि देव की प्रतिमा की पूजा करें या शनि मंदिर जाएं।
उन्हें सरसों का तेल, काले तिल, नीले फूल और लोहे के बर्तन चढ़ाएं।
पीपल के वृक्ष की पूजा करें और दीपक जलाएं।
“ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें।
व्रत रखें और दिनभर शनि देव का ध्यान करें।
दान का महत्व:
शनि जयंती के दिन दान-पुण्य करने का विशेष महत्व है। शनि देव को प्रसन्न करने के लिए काले तिल, काली उड़द, लोहे के बर्तन, कंबल, छाता, और सरसों का तेल का दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इससे न केवल ग्रह दोष शांत होते हैं, बल्कि जीवन में सुख, समृद्धि और मानसिक शांति भी प्राप्त होती है।
निष्कर्ष:
शनि जयंती केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि कर्म, आत्मनिरीक्षण और सुधार का संदेश देने वाला दिन है। इस दिन श्रद्धा और नियमपूर्वक शनि देव की पूजा करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है, जो जीवन की हर कठिनाई को पार करने की शक्ति देती है। यदि आप भी अपने जीवन में शनि के सकारात्मक प्रभाव को बढ़ाना चाहते हैं, तो इस पावन दिन पर शनि देव की पूजा अवश्य करें।
नेशनल कैपिटल टाइम्स ;