सनातन हिंदू नववर्ष 2082: नव ऊर्जा और नई शुरुआत का पर्व
30 मार्च 2025 को संपूर्ण भारत में सनातन हिंदू नववर्ष का शुभारंभ धूमधाम से मनाया जाएगा। यह पर्व चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा को मनाया जाता है और भारतीय संस्कृति में इसका विशेष धार्मिक, ऐतिहासिक और खगोलीय महत्व है।
धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व
हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी। इस दिन से नव संवत्सर की शुरुआत होती है, जिसे विक्रम संवत भी कहा जाता है। 2025 में विक्रम संवत 2082 का आगमन होगा। यह दिन भगवान राम के राज्याभिषेक, महर्षि दयानंद सरस्वती द्वारा आर्य समाज की स्थापना तथा शक्ति स्वरूपा देवी के नवदुर्गा स्वरूपों की उपासना का शुभारंभ भी माने जाते हैं।
खगोलीय और प्राकृतिक विशेषता
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन पृथ्वी सूर्य के चारों ओर एक नए चक्र की शुरुआत करती है। इस समय वसंत ऋतु का आगमन होता है, जो नई ऊर्जा और सकारात्मकता का प्रतीक है।
देशभर में उल्लास का माहौल
सनातन हिंदू नववर्ष के अवसर पर मंदिरों में विशेष पूजन होते हैं, घरों को सजाया जाता है और शुभ संकल्प लिए जाते हैं।
इस पावन अवसर पर हम सभी सनातन धर्म के अनुयायियों को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ देते हैं। यह नववर्ष आपके जीवन में सुख, समृद्धि और शांति लेकर आए!
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