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सीमांचल में कमजोर पकड़ के बीच ओवैसी: INDIA गठबंधन में शामिल होने की कोशिश

सीमांचल में कमजोर पकड़ के बीच ओवैसी: INDIA गठबंधन में शामिल होने की कोशिश

ओवैसी की बेचैनी: सीमांचल में कमजोर पकड़ के बीच INDIA गठबंधन में शामिल होने की कोशिश

पटना/नई दिल्ली।
बिहार की सियासत में इस समय सीमांचल क्षेत्र को लेकर हलचल तेज है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी इन दिनों खासे सक्रिय नजर आ रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, ओवैसी अब INDIA गठबंधन में शामिल होने के लिए पहल कर रहे हैं। माना जा रहा है कि इसके पीछे सीमांचल में मुस्लिम वोट बैंक के खिसकने का डर सबसे बड़ी वजह है।

सीमांचल में पार्टी की गिरती पकड़

बिहार के सीमांचल इलाके – खासकर किशनगंज, अररिया, कटिहार और पूर्णिया जिलों – में AIMIM ने 2020 के विधानसभा चुनाव में प्रभावशाली प्रदर्शन किया था और पाँच सीटें जीतकर सबको चौंका दिया था। लेकिन अब हालात बदल चुके हैं।

हाल के महीनों में AIMIM के कई स्थानीय नेता और कार्यकर्ता पार्टी से नाता तोड़ चुके हैं। पार्टी में लगातार टूट और असंतोष की खबरें सामने आ रही हैं। यही नहीं, ओवैसी पर लंबे समय से यह आरोप लगता रहा है कि उनकी राजनीति भाजपा को फायदा पहुंचाने वाली होती है। विपक्षी दल उन्हें ‘B टीम’ कहकर जनता के बीच प्रचारित करते रहे हैं, जिससे मुस्लिम मतदाताओं में उनका प्रभाव घटा है।

INDIA गठबंधन में शामिल होने की कोशिश

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ओवैसी अब अपनी छवि सुधारना चाहते हैं और इसलिए INDIA गठबंधन में शामिल होने की कोशिश कर रहे हैं। इससे उन्हें ‘वोटकटवा’ की छवि से छुटकारा मिलेगा और सीमांचल में दोबारा राजनीतिक जमीन तैयार करने का मौका भी।

सूत्रों का कहना है कि AIMIM नेतृत्व ने अनौपचारिक स्तर पर कांग्रेस और RJD के नेताओं से संपर्क साधा है। हालांकि, इन पार्टियों की ओर से कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं आई है।

गठबंधन में शामिल होने की राह नहीं आसान

हालांकि, कांग्रेस और RJD जैसे दल ओवैसी को लेकर अभी भी सतर्क हैं। इनका मानना है कि AIMIM की मौजूदगी से मुस्लिम वोटों का बंटवारा हो सकता है, जिसका फायदा भाजपा को मिल सकता है। ऐसे में ओवैसी की राह आसान नहीं दिखती।

अगर AIMIM को गठबंधन में जगह नहीं मिलती, तो पार्टी को सीमांचल में बड़ा नुकसान हो सकता है। ओवैसी के लिए यह क्षेत्र केवल राजनीतिक शक्ति नहीं, बल्कि उनके राष्ट्रीय विस्तार की रणनीति का अहम हिस्सा है।

 

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Rudra ji