राज ठाकरे की सरकार को चेतावनी – “स्कूलों में हिंदी थोपी तो होगा आंदोलन”
मुंबई:
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे ने एक बार फिर राज्य सरकार को चेतावनी भरे लहजे में निशाने पर लिया है। इस बार मुद्दा है – हिंदी भाषा को स्कूलों में अनिवार्य बनाए जाने की संभावित योजना।
राज ठाकरे ने साफ शब्दों में कहा है कि अगर राज्य सरकार स्कूलों में हिंदी को अनिवार्य करने की कोशिश करती है, तो उनकी पार्टी इसका खुलकर विरोध करेगी, और जरूरत पड़ी तो सड़क पर उतरकर आंदोलन भी छेड़ेगी।
राज ठाकरे ने कहा:
“महाराष्ट्र के स्कूलों में पहली कक्षा से सिर्फ मराठी और अंग्रेजी को अनिवार्य भाषा के रूप में पढ़ाया जाना चाहिए। हिंदी को केवल एक विकल्प के तौर पर रखा जाए, जबरदस्ती न थोपा जाए।”
उन्होंने आगे कहा कि अगर सरकार ने यह निर्णय लिया, तो उसकी पूरी ज़िम्मेदारी खुद सरकार की होगी।
मराठी अस्मिता की फिर उठी बातराज ठाकरे ने एक बार फिर मराठी अस्मिता का मुद्दा उठाया और कहा कि महाराष्ट्र की पहचान और संस्कृति को बचाए रखने के लिए शिक्षा में मराठी भाषा को प्राथमिकता देना बेहद जरूरी है।
भाषाई राजनीति फिर गर्माई
राज ठाकरे का यह बयान ऐसे समय आया है जब देशभर में नई शिक्षा नीति को लागू करने की प्रक्रिया चल रही है। इस पृष्ठभूमि में उनका यह बयान राज्य की राजनीति में हलचल पैदा कर सकता है।
अब सबकी नजरें सरकार पर
अब सबकी नजर महाराष्ट्र सरकार पर है कि वह इस बयान पर क्या प्रतिक्रिया देती है और शिक्षा नीति में भाषाओं को लेकर क्या रुख अपनाती है।
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