हिंदी पत्रकारिता दिवस: भारत में पत्रकारिता का इतिहास, महत्व और विकास
लेख का उद्देश्य: भारत में पत्रकारिता की शुरुआत से लेकर हिंदी पत्रकारिता दिवस तक की सम्पूर्ण जानकारी देना।
✍️ प्रस्तावना: पत्रकारिता – समाज का दर्पण
पत्रकारिता सिर्फ सूचना का माध्यम नहीं, बल्कि समाज का दर्पण है। भारत में पत्रकारिता ने न केवल स्वतंत्रता संग्राम को दिशा दी, बल्कि आज भी यह लोकतंत्र का चौथा स्तंभ मानी जाती है।
30 मई को हर वर्ष हिंदी पत्रकारिता दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो भारत में पहले हिंदी समाचार पत्र “उदंत मार्तण्ड” की याद दिलाता है।
📜 भारत में पत्रकारिता की शुरुआत
📰 भारत का पहला समाचार पत्र: बंगाल गजट (1780)
भारत में आधुनिक पत्रकारिता की शुरुआत 18वीं शताब्दी के अंत में हुई।
1780 में जेम्स ऑगस्टस हिक्की ने कोलकाता से “बंगाल गजट” (Calcutta General Advertiser) नामक अंग्रेजी समाचार पत्र का प्रकाशन किया। इसे भारत का पहला समाचार पत्र माना जाता है। इसने ब्रिटिश शासन के दौरान स्वतंत्र विचारों को जगह दी और जनमत निर्माण का कार्य शुरू किया।
📚 भारतीय भाषाओं में पत्रकारिता का उदय
🗣️ संवाद कौमुदी (1819)
राजा राममोहन राय ने 1819 में बंगाली भाषा में “संवाद कौमुदी” नामक समाचार पत्र निकाला, जो समाज सुधार और शिक्षा को बढ़ावा देने वाला प्रमुख पत्र था।
🗣️ हिंदी पत्रकारिता की शुरुआत – उदंत मार्तण्ड (1826)
30 मई 1826 को कोलकाता से “उदंत मार्तण्ड” का प्रकाशन किया गया। यह भारत का पहला हिंदी समाचार पत्र था।
इस पत्र ने हिंदी भाषी लोगों को जागरूक करने और राष्ट्रीय चेतना विकसित करने में अभूतपूर्व योगदान दिया।
🗓 इसलिए 30 मई को “हिंदी पत्रकारिता दिवस” के रूप में मनाया जाता है।
🧭 हिंदी पत्रकारिता का उद्देश्य और योगदान
शिक्षा और जनजागरण: हिंदी अखबारों ने सामान्य जनता तक ज्ञान पहुँचाया।
सामाजिक सुधार: जातिवाद, बाल विवाह, दहेज प्रथा जैसे मुद्दों पर जनमत तैयार किया।
राजनीतिक चेतना: स्वतंत्रता संग्राम में जनता को संगठित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
स्वतंत्रता आंदोलन और पत्रकारिता
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान कई समाचार पत्रों ने लोगों को ब्रिटिश शासन के खिलाफ एकजुट किया।
💡 आधुनिक पत्रकारिता के प्रकार
1. सामाजिक पत्रकारिता
जातीय, लिंग और सामाजिक न्याय से जुड़ी समस्याओं पर रिपोर्टिंग।
2. आर्थिक पत्रकारिता
बजट, मुद्रास्फीति, शेयर बाजार और नीति विश्लेषण।
3. वॉचडॉग पत्रकारिता
सरकार और कॉर्पोरेट की जवाबदेही तय करना।
4. फ्रीलांस पत्रकारिता
स्वतंत्र लेखकों और रिपोर्टरों द्वारा किया गया कार्य।
5. डिजिटल पत्रकारिता
सोशल मीडिया, वेबसाइट्स और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म्स पर आधारित पत्रकारिता।
📅 हिंदी पत्रकारिता दिवस: महत्व और आयोजन
हिंदी पत्रकारिता दिवस का आयोजन न केवल इतिहास को याद करने के लिए किया जाता है, बल्कि यह वर्तमान और भविष्य की पत्रकारिता को नैतिकता और उत्तरदायित्व का संदेश भी देता है।
> वर्ष 2026 में हिंदी पत्रकारिता 200 साल पूरे करेगी, जो एक ऐतिहासिक अवसर होगा
नेशनल कैपिटल टाइम्स ;