100 PMLA कोर्ट, फिर भी मनी लॉन्ड्रिंग मामलों की सुनवाई में देरी, ED की रिपोर्ट में दावा
धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के अनुसार, ईडी खुद मामला दर्ज नहीं कर सकती है, बल्कि उसे पुलिस या किसी अन्य जांच एजेंसी की एफआईआर के आधार पर अपनी शिकायत दर्ज करनी होती है. यह अधिनियम 2005 में प्रभाव में आया था. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा कि देश भर में 100 स्पेशल पीएमएलए अदालतें होने के बावजूद धनशोधन मामलों की सुनवाई समय पर पूरी होने में कई सिस्टमैटिक और प्रोसिजरल बाधाएं आ रही हैं.
यह संघीय जांच एजेंसी विपक्षी राजनीतिक दलों के निशाने पर रही है. विपक्षी दलों का आरोप रहा है कि इसकी कार्यवाही पक्षपातपूर्ण है और कन्विक्शन रेट खराब है. हालांकि, इस दावे का ईडी ने खंडन किया है. जांच एजेंसी के निदेशक राहुल नवीन ने गुरुवार को ईडी दिवस के अवसर पर यहां एक कार्यक्रम में अपनी एजेंसी के ट्रैक रिकॉर्ड का बचाव करते हुए कहा कि इसकी कन्विक्शन रेट 93 प्रतिशत से अधिक है. इसी दिन, ईडी ने अपनी पहली वार्षिक रिपोर्ट भी जारी की,
जिसमें उसने पीएमएलए (धनशोधन रोकथाम अधिनियम) सुनवाई को शीघ्र पूरा करने में आने वाली चुनौतियों पर एक स्पेसिफिक चैप्टर समर्पित किया है. अब तक एजेंसी के वार्षिक कार्य का अनुमान केंद्रीय वित्त मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट में शामिल किया जाता था. ईडी इस मंत्रालय के अंतर्गत आता है.
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