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15 अगस्त: भारत का स्वतंत्रता दिवस – आज़ादी, गर्व और एकता का प्रतीक

15 अगस्त: भारत का स्वतंत्रता दिवस – आज़ादी, गर्व और एकता का प्रतीक

15 अगस्त: भारत का स्वतंत्रता दिवस – आज़ादी, गर्व और एकता का प्रतीक

15 अगस्त भारत के इतिहास का वह स्वर्णिम दिन है, जब देश ने सैकड़ों वर्षों की गुलामी से मुक्त होकर स्वतंत्रता की सांस ली। हर साल 15 अगस्त को पूरा देश एक स्वर में “जय हिंद” के नारे के साथ आज़ादी का जश्न मनाता है। यह सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान, संघर्ष और अदम्य साहस की याद है।

इतिहास और पृष्ठभूमि:

ब्रिटिश शासन के 200 से अधिक वर्षों तक भारत ने सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक अन्याय झेला। स्वतंत्रता की चाह ने लाखों लोगों को आंदोलनों, सत्याग्रह और क्रांतिकारी गतिविधियों में शामिल किया। महात्मा गांधी, भगत सिंह, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, सरदार वल्लभभाई पटेल, जवाहरलाल नेहरू जैसे महान नेताओं ने अपने-अपने तरीके से आज़ादी की मशाल जलाए रखी।
15 अगस्त 1947 को भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम लागू हुआ और भारत आधिकारिक रूप से ब्रिटिश राज से मुक्त हुआ। आधी रात को पंडित जवाहरलाल नेहरू ने “Tryst with Destiny” भाषण देते हुए स्वतंत्रता का ऐलान किया और स्वतंत्र भारत की यात्रा शुरू हुई।

विशेष आयोजन:

इस दिन राष्ट्रीय अवकाश होता है और पूरे देश में तिरंगा शान से लहराया जाता है।

दिल्ली के लाल किले पर प्रधानमंत्री तिरंगा फहराते हैं और राष्ट्र को संबोधित करते हैं।

सेना, नौसेना और वायुसेना के जवान परेड के माध्यम से देश की शक्ति और एकता का प्रदर्शन करते हैं।

स्कूल, कॉलेज और सरकारी संस्थानों में सांस्कृतिक कार्यक्रम, देशभक्ति गीत, नाटक और भाषण आयोजित होते हैं।

देश और विदेश में रहने वाले भारतीय इस दिन गर्व से तिरंगे के साथ अपनी मातृभूमि को नमन करते हैं।

15 अगस्त का महत्व:

यह दिन हमें याद दिलाता है कि स्वतंत्रता किसी उपहार के रूप में नहीं मिली, बल्कि इसके लिए अनगिनत बलिदान हुए।

यह हमारे अंदर देशभक्ति, एकता और जिम्मेदारी की भावना को मजबूत करता है।

स्वतंत्रता दिवस हमें प्रेरित करता है कि हम न सिर्फ अपने अधिकारों का सम्मान करें, बल्कि देश के विकास में सक्रिय योगदान दें।

रोचक तथ्य:

भारत के साथ ही 15 अगस्त 1947 को कोरिया, कांगो, बहरीन और लिकटेंस्टीन में भी स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है।

1947 में तिरंगे का डिज़ाइन पिंगली वेंकैया ने तैयार किया था।

पहला स्वतंत्रता दिवस दिल्ली के लाल किले पर नहीं, बल्कि पंडित नेहरू के निवास से मनाया गया था।

15 अगस्त सिर्फ एक उत्सव नहीं, बल्कि हमारी पहचान है। यह हमें याद दिलाता है कि एकजुट होकर हम किसी भी चुनौती को पार कर सकते हैं। आज़ादी की असली श्रद्धांजलि यही है कि हम अपने कर्तव्यों को निभाएं, देश की एकता और अखंडता को बनाए रखें और भारत को एक समृद्ध, सुरक्षित और गौरवशाली राष्ट्र बनाएं।

जय हिंद!

नेशनल कैपिटल टाइम्स 

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