अयोध्या का राम मंदिर 45 किलो शुद्ध सोने से जगमगाया, निर्माण में अब तक 50 करोड़ का सोना लगा – विश्वासनीय सूत्रों ने दी जानकारी
अयोध्या: भारत के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक गौरव का प्रतीक बन रहे श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में स्वर्ण सज्जा की अद्भुत छटा अब धीरे-धीरे सामने आ रही है। राम मंदिर ट्रस्ट और निर्माण कार्य से जुड़े विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, अब तक 45 किलोग्राम शुद्ध सोना मंदिर के विभिन्न हिस्सों को सजाने में उपयोग किया जा चुका है। इस स्वर्ण की अनुमानित कीमत लगभग 50 करोड़ रुपये बताई जा रही है – और यह कीमत टैक्स को छोड़कर है।
● भूतल के दरवाज़ों और सिंहासन पर लगा स्वर्ण
जानकारी के मुताबिक, यह सोना मुख्य रूप से मंदिर के भूतल (ग्राउंड फ्लोर) में लगाए गए विशाल लकड़ी के दरवाज़ों और भगवान श्रीराम के सिंहासन (राजगद्दी) को भव्य स्वरूप देने में इस्तेमाल किया गया है। यह दरवाज़े और सिंहासन मंदिर की आध्यात्मिक ऊर्जा और स्थापत्य की शान को चार चांद लगा रहे हैं।

● राम दरबार की प्राण-प्रतिष्ठा पूर्ण
ट्रस्ट के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्रा ने हाल ही में जानकारी दी कि मंदिर की पहली मंज़िल पर स्थित राम दरबार में प्राण-प्रतिष्ठा का कार्य सफलतापूर्वक सम्पन्न हो चुका है। राम दरबार में भगवान श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण और भक्त हनुमान की प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं, जिनकी भव्यता और दिव्यता दर्शनीय है।

● अभी जारी है शेष कार्य
विश्वासनीय सूत्रों ने यह भी पुष्टि की है कि मंदिर परिसर के अन्य भागों में भी सोने का कार्य जारी है, खासकर शेषावतार मंदिर में जहाँ भगवान विष्णु के शेषनाग पर विराजमान रूप की प्रतिमा स्थापित की जा रही है। यह कार्य अत्यंत सावधानी और पवित्रता के साथ आगे बढ़ रहा है।
● भक्तों में उत्साह और गर्व
सोने से सुसज्जित मंदिर की झलकें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, और श्रद्धालुओं में गर्व और भक्ति का भाव चरम पर है। लोगों का मानना है कि यह मंदिर सिर्फ़ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि भारत की सनातन संस्कृति का जीता-जागता प्रतीक बनकर उभर रहा है।
45 किलो शुद्ध सोने का अब तक उपयोग
50 करोड़ रुपये कीमत का स्वर्ण कार्य
राम दरबार में प्राण प्रतिष्ठा सम्पन्न
शेषावतार मंदिर में अभी भी कार्य जारी