सुप्रीम कोर्ट ने रोहिंग्या मुसलमानों के निर्वासन पर रोक से किया इनकार, कहा – नीति में दखल नहीं
नई दिल्ली, 9 मई 2025 – भारत के सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली में रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों के संभावित निर्वासन पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया। अदालत ने स्पष्ट किया कि शरणार्थियों से जुड़े मुद्दे सरकार की विदेश नीति और सुरक्षा नीतियों का हिस्सा हैं, जिनमें न्यायपालिका का दखल उचित नहीं है जब तक कि कोई मौलिक अधिकार का सीधा उल्लंघन न हो।
याचिका में दावा किया गया था कि रोहिंग्या मुसलमानों को म्यांमार भेजा जाना उनके जीवन और सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकता है। हालांकि, अदालत ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि निर्वासन से जुड़ा निर्णय केंद्र सरकार की नीति का हिस्सा है और इसमें कोर्ट तब तक हस्तक्षेप नहीं करेगा जब तक कि कोई ठोस संवैधानिक आधार न हो।
मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, “सरकार की विदेशी और सुरक्षा नीति में हस्तक्षेप करना अदालत के अधिकार क्षेत्र से बाहर है। अगर कोई मौलिक अधिकार का उल्लंघन होता है तो उसके लिए अलग से कानूनी रास्ता अपनाया जा सकता है।”
केंद्र सरकार ने पहले ही सुप्रीम कोर्ट को यह बताया है कि भारत म्यांमार से आए रोहिंग्या मुसलमानों को शरणार्थी के रूप में मान्यता नहीं देता है, और उन्हें अवैध प्रवासी माना जाता है।
नेशनल कैपिटल टाइम्स ;