छगन भुजबल की वापसी से महायुति को बड़ा सियासी लाभ!
महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर छगन भुजबल की जोरदार वापसी हुई है। NCP (अजित पवार गुट) के वरिष्ठ नेता और ओबीसी चेहरा माने जाने वाले भुजबल को एक बार फिर मंत्री पद की जिम्मेदारी दी गई है। राजनीतिक जानकार इस कदम को महायुति का बड़ा रणनीतिक दांव मान रहे हैं।
भुजबल की छवि एक जमीनी और मजबूत ओबीसी नेता की रही है। ऐसे में उनके मंत्री बनने से भाजपा-शिंदे गुट को ओबीसी समुदाय का समर्थन मिलने की उम्मीद है, जिससे आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों में सीधा फायदा मिल सकता है।
सिर्फ इतना ही नहीं, भुजबल की क्षेत्रीय पकड़ और प्रशासनिक अनुभव महायुति को नीति और कार्यक्रमों के बेहतर कार्यान्वयन में भी मदद करेगा। साथ ही, यह फैसला एनसीपी (अजित पवार गुट) को खुश रखने और गठबंधन की एकता बनाए रखने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, भुजबल की लोकप्रियता विपक्ष, खासकर शरद पवार गुट और कांग्रेस के लिए चुनौती बन सकती है। ऐसे में उनकी वापसी महायुति के लिए सामाजिक संतुलन, आंतरिक मजबूती और चुनावी बढ़त का ट्रिपल फायदा लेकर आई है।
नेशनल कैपिटल टाइम्स ;