बाटला हाउस में बुलडोजर संकट! PM-UDAY स्कीम बनी लोगों की उम्मीद की किरण
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के बाटला हाउस इलाके में इन दिनों हलचल मची हुई है। मुरादी रोड और खिजर बाबा कॉलोनी में रहने वाले सैकड़ों परिवारों के सिर पर बुलडोजर चलने का खतरा मंडरा रहा है। दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) और उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग द्वारा अनधिकृत निर्माण के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी कर ली गई है। कई घरों पर रेड क्रॉस का निशान लगाया गया है और 11 जून से पहले निर्माण हटाने की चेतावनी दी गई है।
लोगों में डर, प्रशासन की सख्ती
डीडीए और यूपी सिंचाई विभाग ने खसरा संख्या 279 (मुरादी रोड) और 277 (खिजर बाबा कॉलोनी) की जमीन को सरकारी बताते हुए अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यहां बने मकानों को अवैध करार देते हुए नोटिस चस्पा कर दिए गए हैं। इससे स्थानीय निवासियों में भारी दहशत है।
राहत की उम्मीद: पीएम-उदय योजना
वहीं, इसी बीच केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री उदय योजना (PM-UDAY) लोगों के लिए राहत की उम्मीद बनकर सामने आई है। योजना के तहत दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों को वैध किया जा सकता है और निवासियों को मालिकाना हक मिल सकता है।
क्या है PM-UDAY?
केंद्र सरकार द्वारा 2019 में शुरू की गई योजना
दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों को वैध करने का प्रावधान
पंजीकरण के बाद मकान को कानूनी मान्यता मिलती है
वैध कॉलोनियों में तोड़फोड़ की कार्रवाई से राहत
क्या बाटला हाउस इस योजना के तहत आता है?
स्थानीय निवासियों का दावा है कि उनकी कॉलोनियां PM-UDAY योजना में शामिल हैं या उन्होंने आवेदन कर दिया है। अगर दस्तावेज पूरे हैं और कॉलोनी सूचीबद्ध है, तो यह विध्वंस की कार्रवाई को रोक सकता है। हालांकि, मामला जटिल है क्योंकि कुछ जमीनों पर यूपी सिंचाई विभाग का स्वामित्व दावा भी है।
कोर्ट में भी मामला लंबित
इस पूरे विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई लंबित है। कोर्ट ने कहा है कि अनधिकृत निर्माण को गिराने के खिलाफ दायर याचिका पर जुलाई में सुनवाई होगी। तब तक कोई अंतिम फैसला नहीं हो सकता।
स्थानीय निवासियों के लिए सलाह:
PM-UDAY पोर्टल पर जाकर अपने मकान का स्टेटस चेक करें
सभी दस्तावेज समय पर तैयार रखें
डीडीए कार्यालय से संपर्क करें और पंजीकरण की प्रक्रिया जल्द पूरी करें
कानूनी सलाह लें और स्थानीय प्रतिनिधियों से संपर्क बनाए रखें
बाटला हाउस के सैकड़ों मकानों पर बुलडोजर चलने का खतरा जरूर बना है, लेकिन पीएम-उदय योजना और कोर्ट की सुनवाई से लोगों को राहत मिल सकती है। जरूरत है कि लोग संगठित होकर अपनी कॉलोनियों को वैधता दिलवाने के लिए प्रयास करें।: