मोहन भागवत की अपील: “स्वदेशी अपनाएं, आत्मनिर्भर भारत बनाएं”
कानपुर, 10 जून 2025 – राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने हाल ही में कानपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में छात्रों और व्यापारियों को संबोधित करते हुए स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग को लेकर एक प्रेरणादायक संदेश दिया। उन्होंने देशवासियों से आग्रह किया कि वे दैनिक जीवन में अधिक से अधिक स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करें, जिससे भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले और आत्मनिर्भरता की दिशा में ठोस कदम बढ़ाए जा सकें।
विदेशी नहीं, स्वदेशी को दें प्राथमिकता
भागवत ने जोर देकर कहा कि विदेशी वस्तुएं खरीदने से भारत का धन बाहर चला जाता है, जबकि स्वदेशी उत्पादों के उपयोग से न केवल देश के कारीगरों और लघु उद्योगों को लाभ होता है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था भी सुदृढ़ होती है। उन्होंने कहा:
“देश का पैसा देश में रहे तो देश की तरक्की सुनिश्चित है।”
व्यापारियों से की अपील: देश में बने उत्पादों को बढ़ावा दें
व्यापारिक समुदाय को संबोधित करते हुए उन्होंने अपील की कि वे ऐसे उत्पादों को बढ़ावा दें जो भारत में बने हों। उन्होंने कहा कि यदि व्यापारी अपने स्टोर्स और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर स्वदेशी ब्रांड्स को प्रमुखता दें, तो ‘वोकल फॉर लोकल’ का नारा ज़मीन पर उतर सकता है।
छात्रों को संदेश: डिजिटल स्वदेशी अपनाएं
छात्रों से मोहन भागवत ने कहा कि देश का भविष्य उनके हाथों में है, और अगर वे अपनी आदतों में बदलाव लाएं – जैसे कि विदेशी ऐप्स की जगह भारतीय ऐप्स का इस्तेमाल करें, भारतीय स्टार्टअप्स को सपोर्ट करें – तो एक बड़ा बदलाव संभव है।
स्वदेशी आंदोलन: आर्थिक राष्ट्रवाद की ओर एक कदम
मोहन भागवत की यह अपील सिर्फ एक विचार नहीं, बल्कि एक संकल्प है – आर्थिक स्वतंत्रता की दिशा में एक सशक्त कदम। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत यह संदेश विशेष महत्व रखता है, जो न केवल उत्पादन के स्तर पर, बल्कि उपभोग के स्तर पर भी राष्ट्रभक्ति को प्रेरित करता है।
मोहन भागवत का यह संदेश वर्तमान भारत की आर्थिक और सामाजिक ज़रूरतों के अनुरूप है। जब देशवासी मिलकर स्वदेशी उत्पादों को अपनाएंगे, तब ही “आत्मनिर्भर भारत” एक विचार से आगे बढ़कर एक सशक्त वास्तविकता बन पाएगा।