Rwanda- Congo Agreement: रवांडा और डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (DRC) शुक्रवार, 27 जून को अमेरिका के वाशिंगटन में एक समझौते पर साइन करने वाले हैं. यह समझौता पूर्वी कांगो में उस संघर्ष को समाप्त करने के लिए है जिसमें हजारों लोग मारे गए हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस समझौते में अगुवा बने हैं और खुद को शांति का नोबेल पुरस्कार दिलाने की वकालत करने के लिए इस समझौते का भी हवाला दे रहे हैं. हालांकि इस समझौते से कुछ बदलेगा भी या नहीं, इस पर व्यापक सवाल उठ रहे हैं.
पूर्वी कांगो में हिंसा क्यों हो रही?
2021 के अंत में M23 विद्रोही समूह ने एक नया आक्रमण शुरू किया जो इस साल की शुरुआत में तेजी से बढ़ गया, और पूर्वी कांगो के प्रमुख शहर गोमा सहित क्षेत्र के व्यापक हिस्से को अपनी जद में ले लिया. कांगो के सरकार ने लंबे समय से आरोप लगाया है कि M23, जिसमें ज्यादातर जातीय तुत्सी शामिल हैं, को रवांडा से सैन्य समर्थन मिलता है. इस दावे को अमेरिका भी मानता है.
रवांडा और कांगो के बीच क्या समझौता होने जा रहा है?
इस समझौते में बिचौलिए का काम अमेरिका के पार्टनर कतर और लेबनानी-अमेरिकी बिजनेसमैन मसाद बौलोस, जो ट्रंप की बेटी टिफनी के ससुर भी हैं, के माध्यम से की गई थी. राष्ट्रपति ट्रंप ने मसाद बौलोस ने अफ्रीका के वरिष्ठ सलाहकार के रूप में नियुक्त किया था.
कांगो की प्रचुर खनिज संपदा और अमेरिका का आर्थिक हित
डेनिस मुकवेगे एक स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं. उन्होंने युद्ध के दौरान कांगो में हुई बड़े पैमाने पर यौन हिंसा को समाप्त करने के लिए काम किया था और इसके लिए उन्होंने 2018 नोबेल शांति पुरस्कार शेयर किया था. उन्होंने चिंता व्यक्त की है कि समझौता बहुत अपारदर्शी है.
उन्होंने कहा कि आर्थिक सहयोग की बात करके रवांडा को पुरस्कार दिया जा रहा है, जो अन्यायपूर्ण है. उन्होंने एक बयान में कहा, “डील का मतलब आक्रामकता के लिए इनाम देना, कांगो के प्राकृतिक संसाधनों की लूट को वैध बनाना और एक अनिश्चित और नाजुक शांति सुनिश्चित करने के लिए न्याय का त्याग करके पीड़ित को अपनी राष्ट्रीय विरासत को अलग करने के लिए मजबूर करना होगा.”
दोनों राष्ट्रों ने अमेरिका से सहायता (फेवर) की मांग की है. कांगो के बड़े खनिज संसाधनों में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए आवश्यक लिथियम और कोबाल्ट शामिल हैं. कांगो चाहता है कि अमेरिका अपने देश में पूंजी लगाए। इस उद्देश्य के लिए उसने एक डील का प्रस्ताव भेजा है, जो यूक्रेन के साथ ट्रंप प्रशासन के खनिज समझौते से प्रभावित है।
वहीं रवांडा अमेरिका से ऐसा समझौता करना चाहता है जिसके तहत अमेरिका से निर्वासित प्रवासियों (निकाले गए अवैध प्रवासियों) को वो अपने यहां जगह देगा. यह मुद्दा ट्रम्प के लिए एक प्रमुख प्राथमिकता है. रवांडा ने ऐसा ही समझौता ब्रिटेन की पूर्व कंजर्वेटिव सरकार के साथ किया था लेकिन पिछले साल कार्यभार संभालने वाली लेबर सरकार ने इस व्यवस्था को खत्म कर दिया था.