हिमाचल में मानसून का कहर: बादल फटने और फ्लैश फ्लड से भारी तबाही, 69 की मौत, सैकड़ों सड़कें बंद
शिमला।
हिमाचल प्रदेश में मानसून इस बार अपने रौद्र रूप में है। बीते 72 घंटों में राज्य में भारी तबाही मचाने वाली 14 बादल फटने की घटनाएं और 3 फ्लैश फ्लड दर्ज की गई हैं। इन घटनाओं में सबसे ज्यादा असर मंडी जिले में देखने को मिला है, जहां अकेले 13 स्थानों पर बादल फटने की खबर है। लगातार हो रही इन घटनाओं से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
आपदा प्रबंधन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, अब तक राज्य में मानसून जनित हादसों में 69 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 110 लोग घायल हुए हैं। इसके अलावा 37 लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं, जिनकी तलाश में राहत और बचाव दल लगे हुए हैं।
495 करोड़ रुपये का नुकसान
राज्य को अब तक करीब 495 करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान हो चुका है। सड़कों, पुलों, बिजली व्यवस्था और निजी संपत्तियों को व्यापक क्षति पहुंची है। भूस्खलन की वजह से 246 सड़कें अब भी पूरी तरह से बंद हैं, जिससे कई क्षेत्रों का संपर्क टूट गया है। इसके अलावा 404 बिजली ट्रांसफार्मर ठप पड़े हैं, जिससे बड़े पैमाने पर बिजली आपूर्ति बाधित हुई है।
मंडी में सबसे ज्यादा तबाही
मंडी जिला इस प्राकृतिक आपदा से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। यहां भारी बारिश और बादल फटने से गांव के गांव पानी में डूब गए, कई सड़कें बह गईं और मकानों को भारी नुकसान पहुंचा है। प्रशासन लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहा है, लेकिन खराब मौसम और सड़कें बंद होने की वजह से राहत कार्यों में भारी दिक्कतें आ रही हैं।
प्रशासन अलर्ट, राहत कार्य जारी
हिमाचल प्रदेश सरकार और आपदा प्रबंधन टीमें पूरी तरह अलर्ट पर हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और स्थानीय प्रशासन राहत एवं बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं। प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है और जरूरी सामान जैसे खाने-पीने की वस्तुएं, दवाइयां आदि मुहैया कराई जा रही हैं।
मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग ने आगामी दिनों में भी राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश की संभावना जताई है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें और पहाड़ी इलाकों में विशेष सावधानी बरतें।