बिहार में एक करोड़ नौकरियों का वादा: नीतीश कुमार का युवाओं को बड़ा संदेश– आगामी चुनावों से पहले रोजगार पर बड़ा दांव
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आगामी विधानसभा चुनावों से पहले युवाओं को लुभाने के लिए एक अहम ऐलान किया है। उन्होंने घोषणा की है कि अगले पांच वर्षों में राज्य में एक करोड़ नौकरियों और रोजगार के अवसर पैदा किए जाएंगे। इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य में सरकारी नौकरियों के साथ-साथ निजी क्षेत्र में रोजगार और स्वरोजगार के अवसर शामिल होंगे।
कौशल विकास को मिलेगी प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने साफ किया कि सरकार युवाओं को केवल रोजगार नहीं, बल्कि योग्य और दक्ष बनाकर आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम करेगी। इसके लिए “स्किल यूनिवर्सिटी” की स्थापना की जाएगी, जहां युवाओं को तकनीकी और औद्योगिक प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस विश्वविद्यालय के माध्यम से स्थानीय उद्योगों की जरूरतों के अनुसार प्रशिक्षित मानव संसाधन तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है।
20 साल की उपलब्धियां भी गिनाईं
नीतीश कुमार ने अपने बीते 20 वर्षों के कार्यकाल का भी लेखा-जोखा जनता के सामने रखा। उन्होंने बताया कि
शिक्षा क्षेत्र में छात्रवृत्तियों, स्कूल भवन निर्माण और लड़कियों के लिए साइकिल योजना ने क्रांतिकारी बदलाव लाया।
स्वास्थ्य सुविधाएं सुधरीं और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक पहुंच आसान हुई।
बिजली और सड़कों का जाल गांव-गांव तक पहुंचा।
महिला सशक्तिकरण के लिए आरक्षण, स्वयं सहायता समूह और योजनाओं को सशक्त किया गया।
चुनावी रणनीति का अहम हिस्सा
लोगो का मानना है कि यह घोषणा आगामी चुनावों की रणनीति का अहम हिस्सा है। बिहार जैसे राज्य में, जहां बड़ी संख्या में युवा रोजगार की तलाश में दूसरे राज्यों की ओर पलायन करते हैं, वहां इस तरह का वादा स्थानीय उम्मीदों को जगाने वाला है।
असली परीक्षा: ज़मीन पर अमल
हालांकि, सवाल यही है कि क्या यह वादा सिर्फ घोषणा बनकर रह जाएगा या वास्तव में अमल में लाया जाएगा? विपक्ष पहले से ही सरकार पर पिछली योजनाओं को पूरी तरह लागू न करने के आरोप लगाता रहा है। ऐसे में आने वाला वक्त बताएगा कि “एक करोड़ रोजगार” का सपना कितना साकार हो पाता है।