राष्ट्रपति भवन में परंपरा और कला का संगम: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से मिले सोहराय, पटचित्र और पतुआ कला के कलाकार
राष्ट्रपति भवन में पारंपरिक भारतीय कला की जीवंत झलक उस समय देखने को मिली जब झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल से आए 29 लोककलाकारों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से भेंट की। ये कलाकार ‘कला उत्सव 2025’ के दूसरे संस्करण – ‘आर्टिस्ट्स इन रेजिडेंस प्रोग्राम’ के प्रतिभागी थे, जो राष्ट्रपति भवन की एक अभिनव सांस्कृतिक पहल है।
इन कलाकारों ने अपने प्रवास के दौरान अपने गांवों की कहानियों, लोक परंपराओं, रीति-रिवाजों और सांस्कृतिक धरोहर को अपने पारंपरिक कला शैलियों – सोहराय, पटचित्रा और पतुआ – के माध्यम से चित्रित किया।

इस अवसर पर राष्ट्रपति मुर्मु ने कलाकारों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि भारत की विविध लोककलाएं न केवल हमारी सांस्कृतिक पहचान हैं, बल्कि यह हमारी आत्मा की अभिव्यक्ति भी हैं। उन्होंने पारंपरिक कलाकारों को संरक्षण और प्रोत्साहन देने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
यह कार्यक्रम न केवल कला के आदान-प्रदान का माध्यम बना, बल्कि राष्ट्रपति भवन की दीवारों पर भारत की मिट्टी की महक भी बिखेर गया।