तेजस्वी यादव का नाम वोटर लिस्ट से गायब, चुनाव आयोग की प्रक्रिया पर उठाए सवाल
बिहार की राजनीति में हलचल उस वक्त और तेज हो गई जब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने दावा किया कि उनका नाम मतदाता सूची से हटा दिया गया है। उन्होंने शनिवार को पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इस चौंकाने वाली जानकारी को साझा किया और चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए।
तेजस्वी यादव ने क्या कहा?
तेजस्वी यादव ने बताया कि उनके घर पर बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) सत्यापन के लिए आए थे और सारी प्रक्रिया पूरी हुई थी। इसके बावजूद जब उन्होंने मतदाता सूची की जांच की तो पाया कि उनका नाम सूची से नदारद है। इस पर उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा:
“अगर मेरा नाम ही नहीं है वोटर लिस्ट में, तो मैं चुनाव कैसे लड़ूंगा?”
तेजस्वी ने इस घटना को एक साजिश करार दिया और इसे लोकतंत्र के लिए खतरनाक संकेत बताया।
चुनाव आयोग की सफाई
तेजस्वी यादव के आरोपों के बाद चुनाव आयोग ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए दावा किया कि उनका नाम मतदाता सूची में मौजूद है। आयोग ने कहा कि किसी भी भ्रम या तकनीकी त्रुटि को लेकर मतदाता दावा/आपत्ति प्रक्रिया के तहत सुधार कर सकते हैं।
मतदाताओं को मिला एक और मौका
इस पूरी घटना के बीच आयोग ने स्पष्ट किया कि मतदाताओं को एक महीने का समय दिया गया है, जिसमें वे अपने नाम की स्थिति की जांच कर सकते हैं और ऑनलाइन या बीएलओ के माध्यम से आपत्ति/संशोधन करा सकते हैं।
राजनीतिक असर
तेजस्वी यादव का नाम वोटर लिस्ट से गायब होने की खबर ने बिहार की सियासत में नई बहस को जन्म दे दिया है। विपक्ष इसे सत्ता पक्ष की चाल बता रहा है, जबकि प्रशासन इसे एक तकनीकी या प्रक्रिया संबंधी भूल कह रहा है।
अब देखना ये होगा कि तेजस्वी यादव वास्तव में सूची में हैं या नहीं – और अगर हैं, तो फिर ये भ्रम क्यों पैदा हुआ? वहीं आम मतदाताओं के लिए भी यह एक चेतावनी है कि वे समय रहते अपना नाम मतदाता सूची में जांच लें।