देश की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। केंद्र की मोदी सरकार पर कांग्रेस ने चीन को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं और उसे ‘DDLJ नीति’ अपनाने वाली सरकार कहा है। वहीं दूसरी ओर, सुप्रीम कोर्ट की ओर से राहुल गांधी को मिली फटकार भी चर्चा में है। इस पूरे घटनाक्रम में कांग्रेस के तीखे तेवर और सरकार की चुप्पी एक नई बहस को जन्म दे रही है।
कांग्रेस का सरकार पर सीधा हमला- DDLJ
कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार से गलवान घाटी संघर्ष और भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर सीधे सवाल पूछे हैं। पार्टी प्रवक्ता जयराम रमेश ने मोदी सरकार पर चीन के सामने झुकने और सच्चाई छुपाने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि सरकार “DDLJ नीति” अपना रही है – यानि “डरो, झुको, लगाओ झप्पी”।
इस तंज़ के ज़रिए कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी और उनकी विदेश नीति पर कटाक्ष किया है। पार्टी का आरोप है कि सरकार चीन के खिलाफ सख्त कदम उठाने की बजाय कूटनीतिक स्तर पर झुकाव दिखा रही है, जो देश की सुरक्षा और सम्मान के लिए ठीक नहीं है।
जयराम रमेश ने उठाए सवाल
रमेश ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि भारतीय सेना के जवानों को पेट्रोलिंग प्वाइंट्स तक पहुंचने के लिए चीन से अनुमति क्यों लेनी पड़ रही है? क्या भारतीय सीमा में चीन की सेना घुसपैठ कर चुकी है और सरकार इसे छुपा रही है?
उन्होंने आगे कहा कि बढ़ते भारत-चीन व्यापार को लेकर भी सरकार को जवाब देना चाहिए। पिछले कुछ वर्षों में चीन से व्यापार में इज़ाफा हुआ है, जबकि सीमा पर तनातनी जारी है। ऐसे में सरकार की नीति पर सवाल उठना लाज़मी है।
कमजोर विदेश नीति की आलोचना
कांग्रेस का आरोप है कि मोदी सरकार की विदेश नीति कमजोर पड़ चुकी है। चीन के खिलाफ सख्ती दिखाने के बजाय सरकार केवल बयानबाज़ी तक सीमित है। पार्टी ने कहा कि डोकलाम, गलवान और अरुणाचल जैसे संवेदनशील मुद्दों पर सरकार की चुप्पी चिंता का विषय है।
पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र सरकार भारतीय जनता को वास्तविक स्थिति से अंधेरे में रख रही है। अगर सब कुछ ठीक है तो पार्लियामेंट या सार्वजनिक मंच पर पारदर्शिता क्यों नहीं दिखाई जाती?
सुप्रीम कोर्ट से राहुल गांधी को ‘DDLJ’ पर फटकार
दूसरी ओर, सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को एक मामले में फटकार लगाई है। हालांकि यह मामला अलग था, लेकिन भाजपा ने इसे कांग्रेस की राजनीति पर सीधा हमला बताते हुए खूब भुनाया। सोशल मीडिया पर बीजेपी नेताओं ने राहुल गांधी की आलोचना करते हुए कहा कि एक जिम्मेदार विपक्षी नेता को कानून की इज्जत करनी चाहिए।
हालांकि, कांग्रेस ने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया। पार्टी नेताओं का कहना है कि सरकार और बीजेपी राहुल गांधी को निशाना बनाकर असली मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहती है।
DDLJ नीति का मतलब क्या है?
कांग्रेस द्वारा दिए गए ‘DDLJ नीति’ वाले बयान ने सोशल मीडिया और राजनीति दोनों में हलचल मचा दी है। DDLJ को शाहरुख खान की फिल्म ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ से जोड़ते हुए इसका तात्पर्य है:
D – डरो: चीन के सामने डर दिखाना
D – झुको: चीन के आगे झुक जाना
LJ – लगाओ झप्पी: दोस्ती का दिखावा करना
इस शब्द प्रयोग के ज़रिए कांग्रेस यह जताना चाहती है कि सरकार चीन के सामने कठोर रुख अपनाने की बजाय, डर और समझौते की नीति अपना रही है, जो राष्ट्रहित में नहीं है।
इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर भी जमकर बहस छिड़ गई है। कुछ लोग कांग्रेस के सवालों को जायज़ बता रहे हैं, वहीं कुछ इसे ‘राजनीतिक नौटंकी’ कह रहे हैं। बीजेपी समर्थकों का कहना है कि राहुल गांधी और कांग्रेस सेना का मनोबल तोड़ रहे हैं, जबकि कांग्रेस का दावा है कि वह राष्ट्रहित में सवाल पूछ रही है।
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