लाल किले से प्रधानमंत्री मोदी का ऐतिहासिक संबोधन: आत्मनिर्भरता से विकसित भारत का संकल्प
नई दिल्ली,
15 अगस्त 2025 — भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से 12वीं बार राष्ट्र को संबोधित किया। इस बार का भाषण 103 मिनट का रहा, जो अब तक का सबसे लंबा प्रधानमंत्री का स्वतंत्रता दिवस संबोधन है। इस ऐतिहासिक संबोधन में प्रधानमंत्री ने देश को आत्मनिर्भर बनाने, राष्ट्रीय सुरक्षा को और मजबूत करने तथा 2047 तक ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को पाने का संकल्प दोहराया।
अपने भाषण की शुरुआत में प्रधानमंत्री ने देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दीं और स्वतंत्रता संग्राम के वीरों को नमन किया। उन्होंने कहा, “आत्मनिर्भर भारत केवल आर्थिक स्वावलंबन नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सम्मान और सुरक्षा की नींव है।”
ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन हमारे वीर जवानों की बहादुरी और देश की रक्षा क्षमता का प्रतीक है। उन्होंने स्पष्ट किया कि आत्मनिर्भर रक्षा उद्योग के बिना इस प्रकार के अभियान संभव नहीं होते। साथ ही, मिशन सुदर्शन चक्र की घोषणा की, जो एक उन्नत रक्षा प्रणाली होगी और किसी भी खतरे का त्वरित एवं प्रभावी जवाब देने में सक्षम होगी।
प्रधानमंत्री ने आर्थिक मोर्चे पर बड़ी घोषणाएं करते हुए नेक्स्ट-जनरेशन GST सुधार की बात की, जिसके तहत दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर टैक्स में कमी की जाएगी। उन्होंने कहा कि ये सुधार दिवाली से पहले लागू हो जाएंगे और इससे आम नागरिकों को सीधा लाभ मिलेगा।
रोजगार सृजन को लेकर प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना (PM-VBRY) का ऐलान किया। लगभग ₹99,446 करोड़ की इस योजना के तहत, सरकार निजी क्षेत्र में पहली नौकरी पाने वाले युवाओं को प्रोत्साहन राशि देगी। मोदी ने कहा कि यह योजना न केवल रोजगार बढ़ाएगी, बल्कि युवाओं में आत्मविश्वास भी जगाएगी।
किसानों, मछुआरों और मत्स्यपालकों के हितों की रक्षा पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि वैश्विक व्यापार दबाव और अंतर्राष्ट्रीय टैरिफ के बावजूद, भारत अपने किसानों और श्रमिकों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।
भाषण में प्रधानमंत्री ने ‘विकसित भारत 2047’ के अपने विजन को भी विस्तार से रखा। उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए भारत को तकनीकी आत्मनिर्भरता, सामाजिक समावेश और पर्यावरणीय संतुलन पर समान रूप से ध्यान देना होगा। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे नवाचार, विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में विश्व में भारत को अग्रणी बनाने में योगदान दें।
प्रधानमंत्री के इस भाषण में जहां राष्ट्रीय गर्व और संकल्प का स्वर था, वहीं आम लोगों के जीवन को आसान बनाने वाले ठोस कदमों का भी खाका पेश किया गया। आत्मनिर्भरता, सुरक्षा, आर्थिक सुधार और रोजगार सृजन जैसे मुद्दों पर दिए गए उनके संदेश ने देशभर में नई उम्मीद और जोश का संचार किया।