चुनाव आयोग ने दोहराया निष्पक्षता का संकल्प, सभी राजनीतिक दल आयोग के लिए समान : CEC ज्ञानेश कुमार
नई दिल्ली। मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने रविवार को स्पष्ट किया कि चुनाव आयोग (Election Commission of India) किसी भी राजनीतिक दल के साथ भेदभाव नहीं करता और सभी को एक समान मानता है। उन्होंने कहा कि कानून के अनुसार, किसी भी राजनीतिक दल का जन्म केवल चुनाव आयोग में पंजीकरण से होता है। ऐसे में आयोग की नजर में सभी दल बराबर हैं और किसी को विशेषाधिकार नहीं दिया जा सकता।
सीईसी ज्ञानेश कुमार ने कहा – “चाहे कोई भी व्यक्ति किसी भी राजनीतिक दल का सदस्य हो, आयोग के लिए सभी समान हैं। हमारा दायित्व केवल यह सुनिश्चित करना है कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया निष्पक्ष, पारदर्शी और स्वतंत्र रूप से संचालित हो।”
उन्होंने बताया कि आयोग का सबसे बड़ा दायित्व स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराना है। इसके लिए आयोग चुनाव आचार संहिता, निगरानी व्यवस्था, मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण और मतदान प्रक्रिया की पारदर्शिता जैसे प्रावधानों पर कड़ाई से अमल करता है।
राजनीतिक दलों का पंजीकरण
कानून के अनुसार, किसी भी नए राजनीतिक दल को चुनाव आयोग में पंजीकरण कराना अनिवार्य है। इसके बाद आयोग उनकी पात्रता और आवश्यक कागजी प्रक्रिया की जांच करता है। इसी पंजीकरण के बाद ही वह दल मान्यता प्राप्त कर चुनाव लड़ सकता है। यही वजह है कि चुनाव आयोग सभी दलों को समान दर्जा देता है और किसी के साथ पक्षपात की गुंजाइश नहीं रहती।
निष्पक्षता पर सवाल क्यों उठते हैं?
कई बार चुनावों के दौरान विभिन्न राजनीतिक दल चुनाव आयोग पर पक्षपात करने का आरोप लगाते रहे हैं। इस पर जवाब देते हुए सीईसी ने कहा कि ऐसे आरोप निराधार हैं, क्योंकि आयोग केवल संविधान और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम (Representation of the People Act) के प्रावधानों के तहत काम करता है। उन्होंने कहा कि आयोग का पूरा ध्यान मतदाताओं को निष्पक्ष वातावरण देने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करने पर है।
आयोग की पारदर्शिता पर जोर
ज्ञानेश कुमार ने यह भी कहा कि आयोग निरंतर नई तकनीक और पारदर्शी प्रक्रियाओं को अपनाकर लोकतंत्र को और मजबूत बना रहा है। ईवीएम और वीवीपैट मशीनों का इस्तेमाल इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। इसके अलावा, आयोग सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफार्म पर भी निगरानी रखता है ताकि मतदाताओं को गुमराह करने वाली सूचनाओं पर अंकुश लगाया जा सके।
लोकतंत्र की मजबूती
उन्होंने अंत में कहा कि भारत का लोकतंत्र दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक मॉडल है और इसकी सफलता का आधार चुनाव आयोग की निष्पक्षता और मतदाताओं की सक्रिय भागीदारी है। चुनाव आयोग यह सुनिश्चित करता है कि हर मतदाता बिना किसी दबाव और भय के अपना मताधिकार प्रयोग कर सके।