शाहजहांपुर के जलालाबाद का नाम अब परशुरामपुरी, गृह मंत्रालय ने जारी किया आदेश
उत्तर प्रदेश : के शाहजहांपुर जिले के जलालाबाद का नाम अब इतिहास बन चुका है। केंद्र सरकार ने इसे बदलकर परशुरामपुरी कर दिया है। गृह मंत्रालय (MHA) ने आधिकारिक अधिसूचना जारी करते हुए कहा है कि अब से जलालाबाद को परशुरामपुरी नाम से ही जाना और लिखा जाएगा।
इस नाम परिवर्तन की पहल केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने की थी। लंबे समय से वे इस प्रयास में जुटे थे। आदेश जारी होने के बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का धन्यवाद दिया।
क्यों बदला गया नाम?
स्थानीय स्तर पर लंबे समय से जलालाबाद का नाम बदलकर परशुरामपुरी करने की मांग उठ रही थी। लोगों का मानना है कि यह क्षेत्र भगवान परशुराम से जुड़ा हुआ है और उनकी आस्था का प्रतीक है। इसी धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को देखते हुए सरकार ने यह निर्णय लिया।

क्या होंगे बदलाव?
गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि अब सभी सरकारी दस्तावेजों, राजस्व अभिलेखों, शैक्षणिक संस्थानों और आधिकारिक पत्राचार में ‘परशुरामपुरी’ नाम का ही प्रयोग किया जाएगा। प्रशासन ने भी इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है।
जलालाबाद का इतिहास
जलालाबाद का ऐतिहासिक महत्व भी काफी समृद्ध रहा है। यह क्षेत्र कभी मुगल शासनकाल में एक महत्वपूर्ण कस्बा माना जाता था। समय के साथ यह सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियों का केंद्र बना। अब नाम बदलने के साथ यह एक नई पहचान और नई धरोहर के साथ दर्ज होगा।
राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया
नाम बदलने के इस फैसले को लेकर स्थानीय लोगों में खुशी की लहर है। वहीं, राजनीतिक स्तर पर इसे एक बड़ा कदम माना जा रहा है। केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि यह बदलाव केवल नाम का नहीं, बल्कि लोगों की आस्था और पहचान का सम्मान है।
इस फैसले के बाद जलालाबाद की पहचान अब परशुरामपुरी के रूप में होगी, जो न केवल धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है बल्कि आने वाले समय में पर्यटन और सांस्कृतिक दृष्टि से भी अहम साबित हो सकता है।