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अंतर्राष्ट्रीय मोबाइल उपकरण पहचान संख्या (IMEI) से छेड़छाड़ गंभीर अपराध

अंतर्राष्ट्रीय मोबाइल उपकरण पहचान संख्या (IMEI) से छेड़छाड़ गंभीर अपराध

अंतर्राष्ट्रीय मोबाइल उपकरण पहचान संख्या (IMEI) से छेड़छाड़ अब गंभीर अपराध

नई दिल्ली। मोबाइल फोन आज हर किसी की ज़िंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है। संचार, बैंकिंग, ऑनलाइन लेन-देन और रोज़मर्रा के कामों में इसका इस्तेमाल इतना बढ़ गया है कि मोबाइल अब हमारी पहचान और सुरक्षा से जुड़ा माध्यम बन चुका है। ऐसे में मोबाइल के अंतर्राष्ट्रीय मोबाइल उपकरण पहचान संख्या यानी IMEI नंबर की सुरक्षा बेहद ज़रूरी हो गई है।

दूरसंचार अधिनियम 2023 में मोबाइल से जुड़े अपराधों को रोकने के लिए सख्त प्रावधान किए गए हैं। अधिनियम की धारा 42(3)(c) और (f) के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति मोबाइल फोन के IMEI नंबर में छेड़छाड़ करता है या फिर जानबूझकर ऐसा मोबाइल हैंडसेट अपने पास रखता है जिसका IMEI नंबर अप्राधिकृत या बदला हुआ है, तो यह गंभीर अपराध माना जाएगा।

सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस अपराध के लिए दोषी पाए जाने पर व्यक्ति को अधिकतम 3 साल की कैद, या ₹50 लाख तक का आर्थिक दंड, अथवा दोनों सजाएं एक साथ दी जा सकती हैं। यह कदम खासतौर पर मोबाइल चोरी और साइबर अपराध को रोकने की दिशा में उठाया गया है।

IMEI नंबर क्यों है ज़रूरी?

IMEI यानी International Mobile Equipment Identity हर मोबाइल फोन का एक यूनिक 15 अंकों का कोड होता है। जब भी कोई कॉल की जाती है या इंटरनेट इस्तेमाल होता है, नेटवर्क कंपनी इस IMEI नंबर के आधार पर मोबाइल की पहचान करती है। यदि कोई फोन चोरी हो जाए तो इसी नंबर की मदद से उस फोन को ट्रैक या ब्लॉक किया जा सकता है।

लेकिन जब अपराधी इस नंबर के साथ छेड़छाड़ करते हैं, तो मोबाइल की असली पहचान छिप जाती है। यही वजह है कि सरकार ने अब इसे अपराध की श्रेणी में शामिल कर दिया है।

संचार साथी पोर्टल और ऐप

सरकार ने मोबाइल उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिए संचार साथी पोर्टल एवं मोबाइल ऐप की शुरुआत की है। इसके ज़रिए लोग आसानी से अपने मोबाइल का IMEI नंबर चेक कर सकते हैं, चोरी या गुम हुए मोबाइल को ब्लॉक कर सकते हैं, और साइबर धोखाधड़ी से बचने में मदद कर सकते हैं।

इसके अलावा, यदि किसी को सेकंड हैंड मोबाइल खरीदना है तो वह इस पोर्टल के जरिए यह जांच सकता है कि मोबाइल का IMEI असली है या नहीं। इससे चोरी के मोबाइल की खरीद-फरोख्त पर भी रोक लगेगी।

साइबर फ्रॉड पर कड़ी नकेल

मोबाइल फोन से जुड़ी धोखाधड़ी और साइबर अपराध लगातार बढ़ रहे हैं। बैंकिंग फ्रॉड से लेकर फर्जी कॉल और ऑनलाइन ठगी तक में मोबाइल का गलत इस्तेमाल होता है। सरकार का मानना है कि IMEI छेड़छाड़ पर सख्ती से रोक लगाने से इन अपराधों पर लगाम लगेगी।

सरकार का यह कदम मोबाइल उपभोक्ताओं की सुरक्षा को मजबूत बनाने और साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने की दिशा में बेहद अहम है। अब लोगों को भी सतर्क रहना होगा और सुनिश्चित करना होगा कि उनके पास जो मोबाइल है, उसका IMEI नंबर असली और अप्रभावित हो।

IMEI चेक करें

👉 अपने मोबाइल का IMEI चेक करने के लिए सिर्फ़ डायल करें – *#06#
👉 IMEI नंबर हर मोबाइल का यूनिक पहचान नंबर होता है।
👉 फोन चोरी या गुम होने पर यही नंबर सबसे ज़्यादा मददगार साबित होता है।
👉 नया मोबाइल खरीदते समय भी IMEI ज़रूर मिलान करें।

नेशनल कैपिटल टाइम्स 

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Rudra ji