अफगानिस्तान में भूकंप त्रासदी: भारत मदद के लिए आगे आया, जयशंकर ने जताई संवेदना
अफगानिस्तान में आए भीषण भूकंप ने भारी तबाही मचाई है। सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों परिवार बेघर हो गए हैं। इस मुश्किल समय में भारत ने मानवीय संवेदनाओं की मिसाल पेश की है।
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने अफगानिस्तान के विदेश मंत्री से फोन पर बात की और गहरी संवेदना जताई। उन्होंने साफ संदेश दिया कि भारत इस संकट की घड़ी में अफगान जनता के साथ मजबूती से खड़ा है।
भारत ने तुरंत राहत अभियान शुरू करते हुए—
✅ 1000 टेंट
✅ 15 टन खाद्य सामग्री
✅ जरूरी दवाइयाँ और चिकित्सा किट
भेजी हैं। इसके अलावा और भी मानवीय सहायता भेजने की तैयारी की जा रही है।

भारत की यह मदद अफगानिस्तान के उन हजारों परिवारों तक पहुंचेगी, जिन्होंने अपना घर, आजीविका और प्रियजनों को खो दिया है।
यह पहली बार नहीं है जब भारत ने पड़ोसी देशों की आपदा में हाथ बढ़ाया है। चाहे नेपाल का भूकंप हो, श्रीलंका की सुनामी या तुर्की की त्रासदी—भारत ने हमेशा “वसुधैव कुटुम्बकम्” की भावना के साथ सहयोग किया है।
अफगानिस्तान की इस आपदा ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है और भारत की त्वरित पहल ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि मानवीय संकट की घड़ी में वह केवल पड़ोसी नहीं बल्कि सच्चा मित्र है।