जम्मू–श्रीनगर रेलवे लाइन ने बदली तस्वीर, अब कारों की खेप भी पहुँची कश्मीर घाटी
श्रीनगर/अनंतनाग:
जम्मू–श्रीनगर रेलवे लाइन जम्मू–कश्मीर के विकास की दिशा में गेम चेंजर साबित हो रही है। अब तक इस मार्ग से घाटी से सेब और अन्य फलों की खेप देशभर में भेजी जाती थी, लेकिन अब पहली बार कारों की खेप भी रेल मार्ग से घाटी में पहुँच चुकी है।
हरियाणा के मानेसर से भेजी गई कारों की यह पहली खेप अनंतनाग तक रेलवे के माध्यम से पहुंची। इससे घाटी के कारोबार और परिवहन क्षेत्र को नई दिशा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस उपलब्धि पर कहा कि जम्मू–श्रीनगर रेलवे लाइन न केवल यात्रियों के लिए बल्कि व्यापार और उद्योग जगत के लिए भी परिवर्तनकारी साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि “पहले कश्मीर से सेब देशभर में भेजे जाते थे, अब घाटी तक कारों की सप्लाई भी सीधे रेल मार्ग से संभव हो रही है। इससे लागत कम होगी, समय की बचत होगी और कनेक्टिविटी मजबूत होगी।”
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, कारों को वाणिज्यिक रूप से रेल से भेजने से समय और लागत दोनों की बचत होगी। अब तक घाटी में कारों को ट्रक और सड़क मार्ग से लाना पड़ता था, जिसमें ज्यादा समय और खर्च लगता था। रेलवे लाइन के पूरी तरह जुड़ने से अब बड़े स्तर पर औद्योगिक सामान भी घाटी तक सीधे पहुँच सकेगा।
स्थानीय कारोबारियों का कहना है कि यह कदम जम्मू–कश्मीर में निवेश और औद्योगिक विकास की संभावनाओं को और बढ़ाएगा। पर्यटन और परिवहन जैसे क्षेत्रों को भी इससे बढ़ावा मिलेगा।
रेल मार्ग के माध्यम से यह नई सुविधा न सिर्फ व्यापार को गति देगी बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार और आजीविका के नए अवसर भी पैदा करेगी।