पुलिस ने दो ठगों को दबोचा
गुरुग्राम पुलिस ने विजिलेंस अधिकारी बनकर वसूली करने वाले दो नकली अफसरों को गिरफ्तार कर एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। दोनों आरोपी सरकारी विभागों के अधिकारियों को अपना निशाना बनाते थे और औचक जांच के नाम पर न केवल उन्हें डराते-धमकाते थे बल्कि मोटी रकम की मांग भी करते थे। हाल ही में उन्होंने ट्रैफिक विभाग के एक जोनल ऑफिसर को धमकाकर पैसे ऐंठने की कोशिश की, जिसके बाद मामला पुलिस तक पहुंचा।
सूत्रों के अनुसार, दोनों आरोपी विजिलेंस विभाग जैसी वर्दी पहनकर सरकारी वाहनों की जांच करते और कर्मचारियों को कथित ‘अनियमितताओं’ के नाम पर पकड़ लेते थे। जोनल ऑफिसर ने बताया कि आरोपियों ने खुद को विजिलेंस टीम का हिस्सा बताते हुए गंभीर कार्रवाई की चेतावनी दी और मामला दबाने के लिए धनराशि की मांग की। अधिकारी को शक होने पर उन्होंने तुरंत इसकी सूचना अपने उच्चाधिकारियों व पुलिस को दी।
पुलिस ने तकनीकी निगरानी और मौके से जुटाए गए साक्ष्यों के आधार पर दोनों को धरदबोचा। पूछताछ में उन्होंने स्वीकार किया कि वे बीते कुछ महीनों में दिल्ली-NCR के कई क्षेत्रों में ऐसे ही फर्जी छापे मारकर वसूली कर चुके हैं। पुलिस का कहना है कि आरोपी संगठित तरीके से काम करते थे और खुद को असली अधिकारी दिखाने के लिए नकली आईडी कार्ड, फाइलें और चालान बुक तक रखते थे।
जांच अधिकारियों का मानना है कि यह गिरोह सरकारी विभागों में काम करने वाले उन कर्मचारियों को निशाना बनाता था, जिन्हें अचानक जांच का डर रहता है। पुलिस अब आरोपियों के नेटवर्क, सपोर्ट सिस्टम और यह भी जांच रही है कि कहीं वे किसी बड़े गिरोह से तो जुड़े नहीं हैं।
गुरुग्राम पुलिस ने चेतावनी जारी कर कहा है कि किसी भी अधिकारी की पहचान की पुष्टि किए बिना किसी भी कथित विजिलेंस टीम को दस्तावेज न सौंपें और संदेह की स्थिति में तुरंत पुलिस से संपर्क करें। गिरफ्तारी को लेकर शहर के कर्मचारियों ने राहत व्यक्त की है, क्योंकि ऐसे फर्जी अफसर सरकारी कामकाज को बाधित करते रहे थे।












