इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय सुनाते हुए कहा है कि कोई भी व्यक्ति अगर धर्म परिवर्तन कर ईसाई बन जाता है, तो वह अनुसूचित जाति (SC) का दर्जा अपने आप खो देता है। ऐसे में SC/ST श्रेणी से मिलने वाले सभी सरकारी लाभ लेना ‘संविधान के साथ धोखाधड़ी’ माना जाएगा।
कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि SC का दर्जा केवल उन लोगों को मिलता है जो हिंदू, बौद्ध या सिख धर्म से संबंध रखते हैं। ईसाई धर्म अपनाने के बाद व्यक्ति की पारंपरिक जातिगत स्थिति समाप्त मानी जाती है। ऐसे में वह SC के रूप में आरक्षण, छात्रवृत्ति और अन्य सरकारी सुविधाओं का पात्र नहीं रह जाता।
हाईकोर्ट ने यूपी प्रशासन को निर्देश दिया है कि ऐसे सभी लोगों को मिल रहे लाभों की तुरंत समीक्षा की जाए और अनुचित रूप से दिए जा रहे सभी लाभ रोके जाएं।
यह फैसला आने के बाद पूरे राज्य में इस मुद्दे पर चर्चा तेज हो गई है और इसे एक बड़ा कानूनी व सामाजिक निर्णय माना जा रहा है।












