डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर शहीदी पार्क में भव्य श्रद्धांजलि सभा, देश की एकता और अखंडता के संकल्प को किया स्मरण
नई दिल्ली।
आज राजधानी के शहीदी पार्क में राष्ट्रवादी विचारधारा के प्रखर पुरोधा, भारतीय जनसंघ के संस्थापक और भारत की एकता के अमर प्रहरी डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती के अवसर पर एक विशाल श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। देश और दिल्ली के तमाम बड़े नेताओं, कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों ने इस अवसर पर एकत्र होकर उन्हें नमन किया और उनके योगदान को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने डॉ. मुखर्जी के जीवन और उनके संघर्ष को याद करते हुए कहा कि उनका नारा “एक देश, एक विधान, एक प्रधान” सिर्फ एक राजनीतिक वक्तव्य नहीं था, बल्कि यह भारत की एकता, अखंडता और संप्रभुता के लिए दिया गया उनका प्राणघोष था। डॉ. मुखर्जी ने इस विचार को अपना जीवन समर्पित कर दिया और देश की एकता के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया।

डॉ. मुखर्जी का विचार आज भी प्रासंगिक
डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का सपना था कि भारत एक ऐसा राष्ट्र बने जहाँ कोई विभाजन न हो, कोई विशेषाधिकार न हो, और हर भारतीय समान अधिकारों के साथ राष्ट्र की मुख्यधारा में जुड़ा हो। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का ऐतिहासिक निर्णय उनके सपनों का ही साकार रूप था, जिसे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में वर्तमान सरकार ने साकार किया।
आज ‘विकसित भारत’ के संकल्प को जिस तरह प्रधानमंत्री मोदी जी आगे बढ़ा रहे हैं, वह डॉ. मुखर्जी की विचारधारा की ही निरंतरता है। उनकी राष्ट्रभावना, त्याग और बलिदान को वर्तमान पीढ़ी न केवल स्मरण कर रही है, बल्कि उसे अपने जीवन में आत्मसात भी कर रही है।

प्रमुख नेताओं ने की उपस्थिति
इस श्रद्धांजलि सभा में केंद्रीय रेल, संचार और आईटी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव जी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उनके साथ दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता जी, भाजपा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष श्री वीरेंद्र सचदेवा जी, केंद्रीय राज्य मंत्री श्री हर्ष मल्होत्रा जी, सांसद सुश्री बांसुरी स्वराज जी, सांसद श्री मनोज तिवारी जी, वरिष्ठ नेता श्री योगेंद्र चंदोलिया जी, विधानसभा अध्यक्ष श्री विजेंद्र गुप्ता जी, पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री हर्ष वर्धन जी, और दिल्ली के मेयर श्री राजा इकबाल सिंह जी सहित भाजपा के अनेक वरिष्ठ पदाधिकारी और कार्यकर्ता कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
नेताओं ने डॉ. मुखर्जी के जीवन से प्रेरणा लेते हुए कहा कि आज देश को डॉ. मुखर्जी जैसे विचारशील, राष्ट्रभक्त और निस्वार्थ सेवकों की आवश्यकता है। उनके सिद्धांतों पर चलना ही सच्ची राष्ट्र सेवा और उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है।
डॉ. मुखर्जी का जीवन: प्रेरणा का स्तम्भ
डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अपने जीवन में राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखा। वे केवल एक राजनीतिज्ञ नहीं थे, बल्कि एक विचारधारा के संवाहक थे, जिन्होंने भारतीय जनसंघ के माध्यम से भारत की सांस्कृतिक चेतना को राजनीतिक दिशा दी। उनकी सोच थी कि भारत केवल भौगोलिक सीमाओं से नहीं, बल्कि एक संस्कृति, एक विचार और एक आत्मा से जुड़ा हुआ देश है।
उनका बलिदान आज भी करोड़ों देशवासियों के मन में देश के लिए कुछ कर गुजरने की भावना को जगाता है। वर्तमान समय में जब भारत तेज़ी से वैश्विक नेतृत्व की ओर बढ़ रहा है, डॉ. मुखर्जी की सोच और संघर्ष हमें सही दिशा में आगे बढ़ने के लिए मार्गदर्शन करता है।
भावनात्मक माहौल
शहीदी पार्क में आयोजित यह कार्यक्रम देशभक्ति, भावनात्मक जुड़ाव और संगठनात्मक एकता से ओत-प्रोत रहा। पूरा वातावरण ‘डॉ. मुखर्जी अमर रहें’, ‘भारत माता की जय’ जैसे नारों से गूंजता रहा। उपस्थित सभी लोगों ने उनके विचारों को जीवन में उतारने का संकल्प लिया।