विमान हादसे के मलबे में ‘ निकली भगवद गीता: चमत्कार या संयोग?
अहमदाबाद में हुए भयावह विमान हादसे के बाद, जब रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा था, तब कुछ ऐसा मिला जिसने सबको स्तब्ध कर दिया। जिस मेडिकल कॉलेज हॉस्टल पर प्लेन गिरा, वहां चारों तरफ तबाही ही तबाही थी-इमारत खाक हो चुकी थी, मलबा बिखरा पड़ा था और लोहे तक के ढांचे पिघल चुके थे। लेकिन इसी नरसंहार के मलबे से एक भगवद गीता बिल्कुल सही-सलामत निकली।
ना उस पर आग का असर हुआ, ना पानी का। ये देख वहां मौजूद हर शख्स की आंखें नम हो गईं और एक ही बात उनके मुंह से निकली-“चमत्कार को नमस्कार!”
क्या है इसकी खासियत ?
यह गीता उसी हॉस्टल की एक छात्र की बताई जा रही है।
रेस्क्यू टीम के अनुसार, गीता मलबे के बीच एक ऐसी जगह पर थी जहां आग की लपटें सीधी पहुंची थीं।
फोटो और वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जहां लोग इसे ईश्वरीय संकेत मान रहे हैं।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं:
कोई इसे आस्था की जीत बता रहा है।
कोई कह रहा है कि “जब सबकुछ राख हो गया, तब भी गीता का ज्ञान जीवित रहा।”
वहीं कुछ लोगों ने इसे वैज्ञानिक दृष्टिकोण से संयोग कहा, लेकिन भावनाएं फिर भी गहराई से जुड़ी रहीं।