सुसाइड बॉम्बर डॉ. उमर को शरण देने का आरोप,
नेटवर्क की कड़ियां जोड़ने में जुटी जांच एजेंसी
दिल्ली कार ब्लास्ट केस में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने जांच को आगे बढ़ाते हुए एक और डॉक्टर को गिरफ्तार किया है। एजेंसी का आरोप है कि इस डॉक्टर ने सुसाइड बॉम्बर डॉ. उमर को छिपने में मदद की और उसके ठिकानों के बारे में अहम जानकारियां छुपाईं। इस गिरफ्तारी के बाद पूरे आतंकी नेटवर्क को लेकर जांच और तेज हो गई है।
NIA के मुताबिक, गिरफ्तार डॉक्टर उमर के संपर्क में लंबे समय से था और ब्लास्ट से पहले उसे सुरक्षित ठिकाना उपलब्ध कराया गया था। जांच एजेंसी ने आरोपी के ठिकानों पर छापेमारी कर दस्तावेज, डिजिटल डिवाइस और अन्य जरूरी सबूत जब्त किए हैं। इन सबूतों के आधार पर यह आशंका जताई जा रही है कि आतंकी गतिविधियों में सहयोग करने वाला एक संगठित नेटवर्क सक्रिय था।
जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपी डॉक्टर ने उमर की गतिविधियों के बारे में जानने के बावजूद सुरक्षा एजेंसियों को कोई सूचना नहीं दी। NIA अब यह पता लगाने में जुटी है कि आरोपी ने यह सब किसी दबाव में किया या वह विचारधारा से पूरी तरह प्रभावित था। एजेंसी ने आरोपी को रिमांड पर लेकर उससे गहन पूछताछ शुरू कर दी है।
दिल्ली कार ब्लास्ट की घटना के बाद से ही सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं। राजधानी समेत कई संवेदनशील इलाकों में निगरानी बढ़ा दी गई है और संदिग्धों पर लगातार नजर रखी जा रही है। NIA सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में इस मामले में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
इस बीच, गिरफ्तार डॉक्टर की भूमिका को लेकर मेडिकल समुदाय में भी चिंता का माहौल है। जांच एजेंसी यह भी खंगाल रही है कि कहीं इस नेटवर्क में और स्वास्थ्यकर्मी तो शामिल नहीं हैं। NIA का दावा है कि वह जल्द ही पूरे साजिशकर्ता नेटवर्क का पर्दाफाश करेगी और दोषियों को कड़ी सजा दिलाई जाएगी।












