बड़ी फार्मा कंपनियों के लेबल लगाकर बनाई जा रही थीं दवाएं, नॉर्थ इंडिया में होती थी सप्लाई
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में पुलिस और ड्रग विभाग की संयुक्त कार्रवाई में नकली दवाओं की एक बड़ी फैक्ट्री का पर्दाफाश हुआ है। यहां स्किन डिजीज के इलाज में इस्तेमाल होने वाली क्रीम, टैबलेट और अन्य दवाएं नामी फार्मा कंपनियों के लेबल लगाकर तैयार की जा रही थीं। जांच में सामने आया है कि इन नकली दवाओं की सप्लाई पूरे नॉर्थ इंडिया में की जाती थी।
अधिकारियों के अनुसार फैक्ट्री में घटिया केमिकल और बिना किसी मानक के दवाएं बनाई जा रही थीं। पैकिंग इतनी प्रोफेशनल थी कि आम ग्राहक ही नहीं, कई मेडिकल स्टोर संचालक भी इन्हें असली समझकर बेच रहे थे। छापेमारी के दौरान बड़ी मात्रा में तैयार दवाएं, खाली ट्यूब, पैकिंग मशीन, लेबल और कच्चा माल बरामद किया गया है।
प्रारंभिक जांच में पता चला है कि आरोपी लंबे समय से यह अवैध धंधा चला रहे थे और इससे लाखों रुपये का मुनाफा कमा चुके थे। नकली दवाओं के सेवन से मरीजों की सेहत पर गंभीर असर पड़ सकता था, खासकर स्किन इंफेक्शन, एलर्जी और अन्य जटिलताओं का खतरा बढ़ सकता था।
ड्रग विभाग ने बरामद सैंपल जांच के लिए लैब भेज दिए हैं, वहीं पुलिस ने फैक्ट्री संचालकों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। सप्लाई चेन से जुड़े अन्य लोगों की तलाश में छापेमारी जारी है।
अधिकारियों ने आम जनता से अपील की है कि दवाएं हमेशा अधिकृत मेडिकल स्टोर से ही खरीदें और किसी भी दवा पर संदेह होने पर तुरंत ड्रग विभाग को सूचित करें। यह कार्रवाई नकली दवाओं के बढ़ते खतरे के खिलाफ एक बड़ी चेतावनी मानी जा रही है।












