“मेरठ के सौरभ हत्याकांड का नीला ड्रम बना श्रद्धा का प्रतीक, दिल्ली के कांवड़ियों ने डर को बनाया आस्था का संदेश”
मेरठ में हुए दिल दहला देने वाले सौरभ हत्याकांड के बाद सुर्खियों में आया नीला ड्रम, अब लोगों के लिए सिर्फ एक अपराध की याद नहीं, बल्कि श्रद्धा, विश्वास और बदलाव का प्रतीक बन गया है।
दिल्ली के नरेला स्थित लामपुर गांव के रहने वाले हिमांशु और उनके साथियों ने इस बार की कांवड़ यात्रा को एक अनोखे उद्देश्य से शुरू किया। उन्होंने उसी नीले ड्रम को अपनाया, जो कभी दहशत और खौफ का कारण बना था। लेकिन इस बार, वही ड्रम गंगाजल से लबालब भरा हुआ है – 120 लीटर गंगाजल, जो भोलेनाथ को अर्पित किया जाएगा।
हिमांशु का संदेश साफ है
“डर को हराना है, और लोगों के दिलों में श्रद्धा और भरोसे को फिर से जगाना है।”
हर साल कांवड़ यात्रा करने वाले हिमांशु और उनके साथियों ने इस बार सामाजिक संदेश के साथ यात्रा कर लोगों को यह दिखाया कि नकारात्मकता को सकारात्मकता में बदला जा सकता है। जिस वस्तु से लोग डरते थे, आज वही वस्तु भक्ति और सेवा का प्रतीक बन गई है।
जहां एक ओर मेरठ में नीले ड्रम की चर्चा अपराध और क्रूरता की वजह से हुई थी, वहीं अब वही ड्रम हरिद्वार से दिल्ली तक भक्ति और साहस का वाहन बनकर लोगों का ध्यान खींच रहा है।
सार्वजनिक प्रतिक्रिया:
सोशल मीडिया पर इस पहल की खूब सराहना हो रही है। कई लोग इसे ‘डर पर श्रद्धा की जीत’ बता रहे हैं। यह कांवड़ यात्रा लोगों को न सिर्फ धार्मिक भाव से जोड़ रही है, बल्कि समाज को यह संदेश भी दे रही है कि
“प्रतीक वही रहते हैं, अर्थ हम बदलते हैं
NCT https://nationalcapitaltimes.com/the-unique-confluence-of-patriotism-and-reverence-in-haridwar/