भाषा विवाद पर गरमाई सियासत: बृजभूषण शरण सिंह ने राज ठाकरे को दी सीधी चुनौती
महाराष्ट्र में एक बार फिर भाषा को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। हिंदी बनाम मराठी के मुद्दे पर बढ़ती बहस के बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे को खुलेआम चुनौती दी है। उन्होंने राज ठाकरे पर तीखा हमला करते हुए कहा कि—
“राजनीति करनी है तो मुद्दों पर करो, भाषा, जाति, धर्म और संप्रदाय को हथियार मत बनाओ। अगर तुम इस राह पर चलोगे, तो इतिहास गवाह है – तुम झेल नहीं पाओगे।
बृजभूषण का तीखा बयान
बृजभूषण शरण सिंह ने राज ठाकरे की राजनीतिक शैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनके बयानों से यह स्पष्ट होता है कि उन्हें न तो इतिहास की समझ है और न ही गहरी पढ़ाई-लिखाई का अनुभव। सिंह ने कहा—
“राज ठाकरे को इतिहास पढ़ना चाहिए। उन्हें समझना चाहिए कि भाषा के नाम पर बांटने वाली राजनीति देश को कमजोर करती है।”
“भाषा के नाम पर नफरत फैलाना खतरनाक”
भाजपा सांसद ने भाषाई भेदभाव को “नफरत फैलाने वाला रास्ता” बताया और कहा कि इससे देश को तोड़ने वाली ताकतों को बल मिलता है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि आज की राजनीति को समझदारी और अध्ययन की ज़रूरत है, ना कि भावनात्मक भड़कावे की।
पृष्ठभूमि क्या है?
हाल ही में महाराष्ट्र में कुछ राजनीतिक दलों और नेताओं ने हिंदी भाषा के बढ़ते उपयोग को लेकर चिंता जताई है। राज ठाकरे ने मराठी भाषा को प्राथमिकता देने की मांग को लेकर कुछ बयान दिए थे, जो सोशल मीडिया और राजनीतिक हलकों में तेजी से वायरल हुए। इसके बाद ही बृजभूषण शरण सिंह ने यह तीखा जवाब दिया।
आगे क्या?
अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि राज ठाकरे इस बयान का क्या जवाब देते हैं। क्या यह विवाद और गहराएगा या कोई सुलह की राह निकलेगी? इस मुद्दे ने एक बार फिर भाषा के सवाल को राष्ट्रीय राजनीति के केंद्र में ला दिया है।