RNI NO – DELHIN/2015/63701

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DL(DG-11)/8084/2015-17

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मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गुजरात इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग नीति का ऐलान किया, इन क्षेत्रों को मिलेगा फायदा।

गांधीनगर: गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में गुजरात की नीति संचालित राज्य के रूप में स्थापित छवि को विस्तारित करने के लिए एक और नीति ‘गुजरात इलेक्ट्रॉनिक्स कम्पोनेंट मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी 2025 (जीईसीएमएस)’ की घोषणा की है। गुजरात को वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण का केंद्र बनाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल द्वारा प्रस्तुत की गई इस नीति की खासियत यह है कि केंद्र सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) द्वारा स्वीकृत और सहायता प्राप्त इकाइयों को गुजरात में केंद्रीय मानकों के अनुसार 100 प्रतिशत सहायता प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा।

इसका मतलब यह है कि गुजरात में स्थापित होने वाले एमईआईटीवाई द्वारा स्वीकृत प्रोजेक्ट्स केन्द्र सरकार और राज्य सरकार से दोहरी प्रोत्साहन सहायता प्राप्त कर सकेंगे। यह नीति केंद्रीय सरकार की ईसीएमएस नीति के अनुरूप है और इसके तहत 100 प्रतिशत टॉपअप का अनुकरण करके कम से कम समय में सहायता प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा। इतना ही नहीं, जब एमईआईटीवाई द्वारा ईसीएमएस के तहत प्रोजेक्ट मंजूर हो जाएगा, तब राज्य में स्थापित किए जाने वाले प्रोजेक्ट्स अपने आप समान अनुदान सहायता के लिए पात्र बन जाएंगे और केन्द्र सरकार द्वारा सहायता का भुगतान किए जाने के पश्चात 30 दिनों में राज्य सरकार द्वारा प्रोत्साहन सहायता का भुगतान कर दिया जाएगा।

केंद्र सरकार की इलेक्ट्रॉनिक्स कम्पोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम (ईसीएमएस) के तहत मंजूर प्रोजेक्ट्स को गुजरात में स्थापना के लिए केंद्र से 100 प्रतिशत वित्तीय सहायता मिलेगी।

केन्द्रीय मंत्रालय मान्यता प्राप्त योजनाओं को एक ही मान्यता से केन्द्र-राज्य का दोहरा सहायता प्रोत्साहन लाभ प्राप्त होगा।

एमईआईटीवाई की स्वीकृति से वितरण के जरिए गुजरात सरकार की ईसीएमएस का लाभ समानांतर रूप से मिलेगा, 30 दिनों में प्रोत्साहन सहायता का भुगतान किया जाएगा।

ईसीएमएस के तहत टर्नओवर से संबंधित प्रोत्साहन 6 वर्षों के लिए उपलब्ध होंगे। राज्य में इलेक्ट्रॉनिक्स घटक निर्माण क्षेत्र में 35 हजार रुपए से अधिक का नया निवेश और अधिकतम उच्च कौशल रोजगार का उद्देश्य है.

राज्य सरकार की योजना है कि गुजरात को वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण का केंद्र बनाया जाए।

मल्टीलेयर और एचडीआई प्रिंटेड सर्किट बोर्ड, लिथियम आयन सेल, डिसप्ले एवं कैमरा मॉड्यूल्स, एसएमडी पैसिव कंपोनेंट्स, इलेक्ट्रो मैकेनिकल भाग तथा उनके उत्पादन के लिए जरूरी विशेष मशीनरी आदि के उद्योगोंो राज्य में आकर्षित करने के लिए नीति में कई प्रोत्साहन।

पॉलिसी का लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदन 31 जुलाई 2025 तक किए जा सकते हैं।

गुजरात देश के औद्योगिक विकास परिदृश्य में मैन्युफैक्चरिंग केंद्र और ऑटो केंद्र के रूप में पहचान बना चुका है. राज्य में चार सेमीकंडक्टर संयंत्र भी हैं। इस स्थिति में, अब इस नीति के परिणामस्वरूप अपस्ट्रीम उद्योग को भी गति मिलेगी और इससे आयात पर निर्भरता कम होगी तथा टेक्नोलॉजिकल रेजिलिएंस में सुधार संभव हो सकेगा।

इस पॉलिसी के जरिए राज्य के इलेक्ट्रॉनिक्स कम्पोनेंट मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में 35 हजार करोड़ रुपए से अधिक के नए निवेश और उच्च कौशल वाले रोजगार के अधिकतम अवसर का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल द्वारा जारी की गई इस जीईसीएमएस नीति के परिणामस्वरूप राज्य में मल्टीलेयर एवं एचआईडी प्रिंटेड सर्किट बोर्ड, लिथियम आयन सेल, एसएमडी पैसिव कम्पोनेंट्स, डिसप्ले कैमरा मॉड्यूल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स भाग तथा उनके उत्पादन के लिए आवश्यक मशीनरी आदि महत्वपूर्ण उद्योगों एवं इकाइयों को राज्य में निवेश के लिए प्रोत्साहन मिलने लगेगा।

इस पॉलिसी में नवीनता को बढ़ावा देकर प्रतिभा कमी को समाप्त करने के लिए राज्य में अनुसंधान और विकास के लिए अधिकतम सहायता का प्रावधान किया गया है. तदनुसार, गुजरात में स्थित और मान्यता प्राप्त संस्थाओं को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, फिनिशिंग स्कूल्स या एप्लाइड रिसर्च लैब की स्थापना हेतु राज्य सरकार द्वारा अधिकतम 12.5 करोड़ रुपए तक की मैचिंग सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।

जीईसीएमएस के तहत टर्नओवर से जुड़े प्रोत्साहन छह वर्षों की अवधि तक प्रदान किया जाएगा. मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल द्वारा पेश की गई इस जीईसीएमएस नीति की प्रमुख विशेषताएँ, लक्ष्य और प्रोत्साहन इस प्रकार हैं:

उद्देश्य

* गुजरात को वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स सप्लाई चेन्स में इलेक्ट्रॉनिक्स कम्पोनेंट्स के उत्पादन द्वारा मजबूत स्थिति बनाना।

* लोकल कम्पोनेंट और सब-असेम्बली उत्पादन को बढ़ावा देते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स ग्लोबल वैल्यू चेन्स (जीवीसी) में मूल्य उत्पादन को बढ़ाते हुए आयात पर निर्भरता घटाना और निर्यात को बढ़ाना।

योग्यता

*भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार इस पॉलिसी का लाभ लेने के लिए आवेदन 31 जुलाई 2025 तक करना होगा।

*केन्द्र सरकार के एमईआईटीवाई द्वारा स्वीकृत सहायता प्राप्त प्रोजेक्ट्स, जो गुजरात में चल रहे हैं, को स्वतः इस पॉलिसी का लाभ मिलेगा।

* गुजरात में उत्पादन यूनिट स्थापित करने की इच्छुक या प्रगति पर चल रही परियोजनाओं को भी इसका लाभ प्राप्त होगा।

प्रोत्साहन (प्रेरणाएँ)

* गुजरात इलेक्ट्रॉनिक्स नीति 2022-28 के तहत सहायता प्राप्त इकाइयों को छोड़कर बाकी इकाइयाँ ही इस नीति के तहत लाभ प्राप्त करने की पात्रता रखेंगी।

* इस नीति के अंतर्गत लाभ लेने वाली इकाइयों को गुजरात इलेक्ट्रॉनिक्स नीति 2022-28 का फायदा नहीं मिलेगा।

* प्रोत्साहन भारत सरकार के कार्यक्रम की आवश्यकताओं और थ्रेशोल्ड के अनुसार होंगे।

अतिरिक्त प्रोत्साहन (प्रेरणाएँ)

– कॉमन इन्फ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक्स: इलेक्ट्रॉनिक्स क्लस्टरों में कॉमन इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास और आधुनिकीकरण के लिए आवश्यक सहायता प्रदान की जाएगी।

इंसेंटिव वितरण

– भारत सरकार द्वारा स्वीकृत योजनाओं के लिए सहायता का भुगतान होने के बाद राज्य सरकार 30 कार्य दिवस में सहायता का भुगतान करेगी।

नीति की अवधि

– राज्य की इस नई योजना की अवधि भारत सरकार की योजना के समान बनी रहेगी.

नीति का संचालन

– गुजरात राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स मिशन (जीएसईएम) गुजरात इलेक्ट्रॉनिक्स कम्पोनेंट मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी 2025 का कार्यान्वयन करेगा.

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Rudra ji