मां नंदा देवी राजजात यात्रा 2026 की तैयारियों को लेकर सीएम धामी ने दिए सख्त निर्देश
देहरादून, सचिवालय – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में मां नंदा देवी राजजात यात्रा 2026 की तैयारियों की समीक्षा बैठक की। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि इस ऐतिहासिक और आध्यात्मिक यात्रा को श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित, सुव्यवस्थित और अविस्मरणीय बनाने में कोई कसर न छोड़ी जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यात्रा मार्गों की समय से मरम्मत, सुरक्षा रेलिंग की स्थापना, तथा सभी प्रमुख पड़ावों पर प्राथमिक चिकित्सा केंद्र, एंबुलेंस और टेलीमेडिसिन सेवाएं उपलब्ध कराना अनिवार्य है। उन्होंने निर्देश दिए कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए आधारभूत संरचनाओं को समयबद्ध तरीके से पूर्ण किया जाए।
स्थानीय संस्कृति और सहभागिता को मिलेगा प्रोत्साहन
मुख्यमंत्री ने यात्रा को जनसहभागिता से जोड़ने के लिए स्थानीय लोक कलाकारों, ग्राम पंचायतों और स्वयंसेवी संस्थाओं को सक्रिय रूप से शामिल करने के निर्देश दिए। यात्रा मार्ग पर पारंपरिक सांस्कृतिक प्रस्तुतियों को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे श्रद्धालुओं को उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का अनुभव मिल सके।
2025 के अंत तक पूर्ण हो तैयारियां
मुख्यमंत्री धामी ने सभी विभागों को आपसी समन्वय से एक व्यापक कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं ताकि 2025 के अंत तक सभी जमीनी तैयारियां पूरी कर ली जाएं। उन्होंने कहा कि यह यात्रा केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि उत्तराखंड की संस्कृति, परंपरा और सामूहिक भावना का प्रतीक है।
क्या है मां नंदा देवी राजजात यात्रा?
हर 12 साल में होने वाली यह यात्रा उत्तराखंड की सबसे कठिन और पवित्र यात्राओं में से एक मानी जाती है। यह 280 किमी से अधिक लंबी पदयात्रा होती है, जो चमोली जिले से शुरू होकर नंदा देवी के गुफाओं और हिमालयी क्षेत्र तक जाती है। इसे हिमालय की कुंभ यात्रा भी कहा जाता है।
नेशनल कैपिटल टाइम्स