राजधानी में वायु-गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ — बुजुर्ग, बच्चे और रोगियों के लिए विशेष सावधानी जरूरी
राजधानी में वायु-गुणवत्ता बेहद चिंताजनक स्तर पर पहुँच गई है। कई इलाकों में AQI 300 के पार दर्ज होने से वायु “बहुत खराब” श्रेणी में आ चुकी है, जिसका मतलब है कि सामान्य जन के साथ-साथ संवेदनशील समूहों (बुजुर्ग, छोटे बच्चे, गर्भवती महिलाएँ और फेफड़े-हृदय रोगी) को विशेष बचाव की आवश्यकता है। दृश्यता कम होना, गले में जलन, बार-बार खांसी और सांसों में तकलीफ जैसी शिकायतें आम हो रही हैं।
प्रदूषण के तेज स्तर के पीछे शीतल हवाओं और मौसम की स्थिरता के कारण कणों का जमाव, वाहन और औद्योगिक उत्सर्जन, निर्माण-धूल व स्थानीय जलन-कारण (जैसे खुले में जलाना) प्रमुख कारण बने रहते हैं। जब हवा धीमी रहती है और तापमान गिरता है, तो सूक्ष्म कण व गैसें नीचे टिकी रहती हैं और राजधानी का वायुमंडल जहरीला महसूस होने लगता है।
ऐसी परिस्थितियों में सामान्य परामर्श यही है — यदि बाहर निकलना अनिवार्य न हो तो घर पर ही रहें; जब बाहर जाएँ तो उच्च-गुणवत्ता वाला मास्क (जैसे N95) पहनें; घर के अंदर खिड़कियाँ बंद रखें और जहाँ संभव हो एयर-प्यूरीफायर या एयर-फिल्टर का उपयोग करें। क्रॉनिक रोगी और श्वासरोगी तुरंत चिकित्सकीय सलाह लें यदि लक्षण बढ़ें। बच्चों को खेल-कूद के लिए बाहर भेजने से बचें।
प्रशासन व स्वास्थ्य विभागों से भी अपेक्षा है कि वे संवेदनशील इलाकों में चेतावनियाँ जारी रखें, निकासी-प्रणालियों पर निगरानी रखें और स्रोतों—खासकर वाहन एवं निर्माण गतिविधियों—पर तात्कालिक नियंत्रण लागू करके राहत दिलाने की कोशिश करें। नागरिकों को भी चाहिए कि वे व्यक्तिगत सतर्कता बरतें और यदि संभव हो तो सार्वजनिक स्वास्थ्य निर्देशों का पालन कर दूसरों को भी सतर्क करें।












