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पहाड़ों में तबाही तो मैदानी इलाकों में तपिश, हिमाचल और उत्तराखंड समेत बारिश से कहां कितने बुरे हालात

नई दिल्ली: पहाड़ों की खूबसूरत वादियां इस वक्त मुश्किल दौर से गुजर रही हैं. हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में मौसम ने अचानक ऐसा रौद्र रूप धारण कर लिया है कि जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है. कहीं बादल फटने की घटनाएं तबाही मचा रही हैं तो कहीं मूसलधार बारिश की वजह से भूस्खलन हो रहे हैं. वहीं देश के कई अन्य हिस्सों में भी मौसम की मार जारी है — जबकि उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में उमस और गर्मी से लोग बेहाल हैं, दूसरी तरफ पूर्वी राज्यों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. दक्षिण भारत के भी कुछ इलाकों में तेज हवाओं और भारी बारिश ने जनजीवन को प्रभावित किया है. ऐसे में पूरा देश मौसम की मार झेल रहा है और प्रशासन से लेकर आम नागरिक तक, सभी अलर्ट पर हैं.

मंडी में पांच लोगों की मौत, 16 लापता

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में बादल फटने और भारी बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ से जुड़ी घटनाओं में पांच लोगों की मौत हो गई, पांच अन्य घायल हो गए और 16 व्यक्ति लापता हैं. राज्य में मंगलवार को बादल फटने की 11 घटनाएं हुईं, जबकि अचानक बाढ़ की चार और बड़े भूस्खलन की एक घटना हुई. अधिकतर घटनाएं मंडी जिले में हुईं, जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ.

हिमाचल के इन इलाकों में बारिश का अलर्ट

आज भी तीन जिलों कांगड़ा, सोलन व सिरमौर और शनिवार को चार जिलों ऊना, हमीरपुर, कांगड़ा व मंडी में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी स्तर की बारिश होने का अनुमान जताते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, बारिश के कारण राज्य में कुल 406 सड़कें बंद हैं, जिनमें से 248 अकेले मंडी जिले में हैं। मंडी में 994 ‘ट्रांसफार्मर’ पर भी इसका असर पड़ा है. 24 मकान, 12 पशुशालाएं, एक पुल और कई सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं, 30 मवेशी मारे गए हैं तथा मंडी जिले में फंसे नौ लोगों को बचाने के प्रयास जारी हैं.

नदिया नाले उफान पर, 500 करोड़ का नुकसान

जिले की सभी नदियां और नाले उफान पर हैं और ब्यास नदी पर बने पंडोह बांध से डेढ़ लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया है. पंडोह बांध का जलस्तर खतरे के निशान 2,922 फुट के मुकाबले 2,941 फुट तक पहुंच गया है. चंडीगढ़-मनाली चार लेन मार्ग वर्तमान में द्वाडा, झलोगी और बनाला सहित कई स्थानों पर अवरुद्ध है, जबकि कमांद-कटौला-बजौरा मार्ग केवल हल्के मोटर वाहनों (एलएमवी) के लिए खुला है. कई स्थानों पर यातायात संबंधी समस्याओं के कारण यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि 20 जून को मानसून के मौसम की शुरुआत के बाद से अब तक हिमाचल प्रदेश को 500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.

उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में 54 सड़कें बंद

उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में पिछले 24 घंटे से बार-बार हो रही बारिश के कारण लोगों का जीवन प्रभावित हुआ है. भूस्खलन के कारण मंडल की 54 सड़कों पर यातायात ठप हो गया है. यहां भी दरिया-नदियां उफान पर हैं। भूस्खलन और नदियों से मलबा आने के कारण कुमाऊं मंडल के विभिन्न जिलों में 54 सड़कें बंद हैं, जिन्हें फिर से खोलने के लिए जिला प्रशासन और पीडब्ल्यूडी लगातार प्रयासरत हैं। बागेश्वर जनपद में सबसे बड़ा नुकसान हुआ है, जहां मलबा आने से 26 सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं। कुमाऊं कमिश्नर कार्यालय से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, बागेश्वर जिले में सबसे ज्यादा 26 सड़कें बंद हैं। पिथौरागढ़ जिले में 13, चंपावत जिले में 8, अल्मोड़ा जिले में 4 जबकि नैनीताल जिले में 3 सड़कें बंद हैं। प्रशासन के अनुसार मिले आंकड़ों से पता चलता है कि अधिकांश बंद सड़कें जिला और ग्रामीण मार्गों की हैं।


अगले 6-7 दिन में भारी बारिश होने का पूर्वानुमान

आईएमडी ने मंगलवार को बताया कि अगले छह से सात दिनों में हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में अत्यधिक भारी बारिश की संभावना है। विभाग ने बताया कि इस समय के दौरान उत्तर-पश्चिम, मध्य और पूर्वी भारत के कई क्षेत्रों में मानसून सक्रिय रहेगा। विभाग के अनुसार मध्य प्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़, बिहार, पश्चिम बंगाल, सिक्किम और झारखंड में भी तेज बारिश की आशंका है जबकि झारखंड और ओडिशा में कुछ दिनों में जमकर बारिश हो सकती है।

कोंकण, गोवा, मध्य महाराष्ट्र और गुजरात में भारी बारिश

आईएमडी ने कहा कि कोंकण और गोवा, मध्य महाराष्ट्र और गुजरात में कुछ स्थान पर भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है. विभाग ने कहा कि सौराष्ट्र और कच्छ में भी अगले सात दिन में भारी बारिश हो सकती है जबकि इस अवधि के दौरान पूर्वोत्तर भारत में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी स्तर की बारिश होने का पूर्वानुमान है. आईएमडी ने कहा कि तटीय आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल और कर्नाटक में सप्ताह के कुछ दिन में भारी बारिश हो सकती है. मौसम विभाग ने सोमवार को, जुलाई में देश में सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान जताया था और बाढ़ के खतरे के कारण मध्य भारत, उत्तराखंड और हरियाणा के अधिकारियों और लोगों को सतर्क रहने की हिदायत दी है.

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Rudra ji