अंतरिक्ष में भारत की मौजूदगी हर बीतते साल के साथ और बढ़ रहा है. बीते दिनों भारत के लाल शुभांशु शुक्ला के Axiom-4 की सफलता ने अंतरिक्ष में भारत की मौजूदगी को और बढ़ाया है. इस मिशन में भारत ने लगभग 70 मिलियन डॉलर का निवेश अंतरिक्ष स्टेशन के लिए उसकी पहली वाणिज्यिक मानव अंतरिक्ष उड़ान को नए आयाम तक ले जा रहा है. ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की यात्रा सरकार-से-व्यवसाय-से-सरकार सहयोग के एक नए ढांचे को उजागर करती है, जो स्पेस एक्सप्लोरेशन और कॉमिर्शियल यूज में भविष्य की अंतरराष्ट्रीय साझेदारी के लिए मंच तैयार करती है.
एनडीटीवी के विज्ञान संपादक पल्लव बागला ने इस वाणिज्यिक अंतरिक्ष उड़ान की जटिलताओं को समझने के लिए अमेरिकी एयरोस्पेस इंजीनियर जॉर्ज विएनमैन से विशेष बातचीत की. इस बातचीत के दौरान एक्स-4 में भारत की भागीदारी लगभग 70 मिलियन डॉलर के निवेश का परिणाम है, यह एक रणनीतिक कदम है जो देश को अपने गगनयान मिशन से पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान संचालन में प्रत्यक्ष अनुभव हासिल करने की अनुमति देता है। यह मिशन एक्सिओम स्पेस द्वारा इसरो को एक सीट बेचने के प्रयास से शुरू हुआ और बाद में इसे भारतीय व अमेरिकी सरकारों के बीच द्विपक्षीय समझौते में शामिल किया गया, जिसका उद्देश्य अंतरिक्ष सहयोग को मजबूत करना और मानवयुक्त मिशनों में भारत की क्षमताओं को विकसित करना था।
एक्स-4 मिशन कई संस्थाओं का एक जटिल समन्वय है. एक्सिओम स्पेस, एक निजी अमेरिकी कंपनी जो अपना खुद का वाणिज्यिक अंतरिक्ष स्टेशन बनाने का लक्ष्य रखती है, ने निजी अंतरिक्ष यात्री मिशन संचालित करने के लिए नासा की निविदा जीती. Axiom के पास लॉन्च वाहन नहीं है, इसलिए इसने स्पेसएक्स के साथ भागीदारी की, जिसने फाल्कन 9 रॉकेट और क्रू ड्रैगन कैप्सूल प्रदान किया, जिसे अब ग्रेस नाम दिया गया है। मिशन को नासा और संघीय विमानन प्रशासन (एफएए) द्वारा प्रमाणित और देखरेख किया गया था, और आईएसएस का प्रबंधन करने वाले अंतर्राष्ट्रीय संघ के साथ समन्वय किया गया था.
मिशन को कई तकनीकी चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिसमें मौसम के कारण देरी, ऑक्सीडाइज़र लीक और आईएसएस पर डॉकिंग मुद्दे शामिल हैं. हालांकि, सभी पक्षों के बीच समन्वित प्रयासों के माध्यम से इन अड़चनों को हल किया गया. वाइनमैन ने इस बात पर जोर दिया कि इसरो की बढ़ी हुई चिंताओं को दूर करने में स्पेसएक्स और एक्सिओम द्वारा दिखाई गई शालीनता और जवाबदेही, जहां एक समय पर इसरो ने एक्सिओम-4 मिशन से अपने अंतरिक्ष यात्री को वापस बुलाने की धमकी दी थी, अनुकरणीय थी, खासकर यू.एस. निर्यात नियंत्रण कानूनों जैसे कि इंटरनेशनल ट्रैफिक इन आर्म्स रेगुलेशन (आईटीएआर) द्वारा लगाई गई बाधाओं को देखते हुए.